गर्भवती महिला की जान बचाने झिरनिया के दो अधिकारीयो ने रक्तदान किया

 

खरगोन श्रीमती सुनीता सुरेश (ग्राम बागदारी, आभापुरी) को डिलीवरी के बाद 3 बोतल खून की जरूरत थी। सुरेश और श्रीमती आशा कार्यकर्ता (baagdari) कल से रक्तदान का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन कोई भी रक्तदान करने नहीं आया। और अस्पताल दुवारा बार-बार कहा जा रहा था कि जल्दी व्यवस्था करे, इस विषय में आशा कार्यकर्ता और सुरेश और मरीज कल रात भर परेशान हुए और सो नहीं पाये। अंत में, जब मरीज़ की हालत ख़राब होने लगी तब आशा कार्य कर्ता ने अपने झिरनिया के बीसीएम और बीपीएम को स्थिति बताई दोनों अधिकारी झिरनिया से खरगोन रक्तदान करने पहुचे और मरीज़ की जान बचाने का प्रयास किया। किसी गर्भवति गरीब महिला को किसी ने मदद नहीं मीली लेकिन इस दोनो अधिकारियो द्वारा मदद करना समाज को एक अच्छा संदेश डेटा हे

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