मनमाड़ इंदौर के बीच नई रेल लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी; परियोजना की लागत 18 हजार करोड़ रुपए और यह 2028-29 तक पूरी होगी - सांसद गजेंद्र पटेल

खरगोन बड़वानी लोकसभा सांसद गजेंद्र पटेल के अथक परिश्रम से मनमाड इंदौर के बीच नई रेल लाइन 

इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। 309 किलोमीटर लंबाई में रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना से इंदौर से मुंबई के बीच की दूरी कम हो जाएगी। अभी इंदौर से गुजरात होकर ट्रेन मुंबई जाती है। इस परियोजना से निमाड़ क्षेत्र को भी लाभ होगा। परियोजना पर केंद्र सरकार 18 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस परियोजना के महाराष्ट्र वाले हिस्से का काम शुरू हो चुका है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के हिस्से में भी काम होगा। पिछले साल इस परियोजना के लिए रेल मंत्रालय ने सर्वे भी कराया था।

छह जिलों को फायदा

इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट से इंदौर, धार, बड़वानी, खरगोन जिले को फायदा होगा। इसके अलावा महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिले को भी फायदा होगा।पीथमपुर से रेल मार्ग से माल ढुलाई में आसानी होगी। इसके अलावा मांडू, महेश्वर जैसे पर्यटन क्षेत्र भी रेल केे नक्शे पर आ सकेंगे। निमाड़ के किसानों को अपनी उपज महाराष्ट्र तक पहुंचाने में आसानी होगी।

खरगोन बड़वानी लोकसभा सांसद गजेंद्र पटेल ने बताया कि मेने इंदौर मनमाड़ रेल लाईन के लिए 8 नवंबर 2021 को पत्र के माध्यम से मांग उठाई थी। और लगातार इसके लिए प्रयासरत रहे। और इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के लिए इंदौर संभाग और महाराष्ट्र के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। उन्होंने इस रेल लाइन के महत्व को समझा और प्रोजेक्ट मंजूर किया। अब इंदौर रेलवे का भी हब बन जाएगा। इंदौर से दक्षिण के राज्यों के अलावा महाराष्ट्र के राज्यों की कनेक्टिविटी हो जाएगी।

परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है और यह 2028-29 तक पूरी हो जाएंगी

निर्माण के दौरान परियोजना लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये (लगभग) की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नए भारत की कल्पना के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी, जिससे उनके लिए रोजगार स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगा।

यह परियोजना 2 राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदानेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इस परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर सम्पर्क मिलेगा। नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को सम्पर्क मिलेगा। परियोजना देश के पश्चिमी दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे श्री परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है और यह 2028-29 तक पूरी हो जाएंगी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

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