हमारे अस्तित्व के लिए पानी की बचत आवश्यक.… आचार्य संजय चंद्रात्रे
पर्यावरण रक्षार्थ कथा में हुआ पानी का गुणगान
खरगोन जल नहीं है तो हमारा आने वाला कल नहीं है, क्योंकि जल के बिना सुखमय जीवन की कल्पना करना संभव ही नहीं है वैसे यदि पूरी दुनिया में जल की मात्रा अगर देखी जाए तो 97% जल समुद्र जल के रूप में खारा पानी होता है, 2% जल बर्फ के रूप में रहता है , अब बचा सिर्फ 1% पानी जो दुनिया भर की आबादी के लिए पीने के लिए होता है। उसमें जमीन के अंदर नदिया तालाब यहां पर पीने लायक पानी होता है। हम काफी सालों से जमीन का अंदर का पानी बोरवेल के जरिए खींच रहे हैं मगर उसके अनुरूप जो जमीन में पानी समा जाने का अनुपात है वह काफी कम है तो इसके कारण जो अंडर ग्राउंड वाटर रिसर्च है वह नीचे नीचे ही जा रहा है। काफी जगह पर 600 700 फीट तक बोर करने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है, इसलिए अब समय की मांग बन गई है कि जल पुनर्भरण अभियान शुरू किया जाए। उक्त उदगार आचार्य संजय चंद्रात्रे ने पर्यावरण रक्षार्थ कथा में व्यास गादी से व्यक्त किए।
बिन जल भविष्य हीन कल
शिव उपासना के श्रावण मास में श्री महामृत्युंजय धाम गांधी नगर में पर्यावरण रक्षार्थ आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस आचार्य श्री ने सुखदेव आगमन चोबीस अवतार की विस्तृत व्याख्या करते हुए कहा कि आप अगर शहर में रहते हैं तो आपके 1000 sq ft जमीन/फ्लैट के ऊपर जब 4–5 घंटे जमकर बरसात का पानी गिरता है, वह पानी आप की फैमिली की साल भर की पानी की डिमांड को पूरी कर सकता है मगर हम लोग उस पानी को जमीन के अंदर दोबारा डालने की कोशिश नहीं करते और वह पानी बेकार होकर नाला, नदी के मार्ग से समुद्र में जाकर वेस्ट हो जाता है। जहां तक हो सके बहते हुए पानी की गति धीमी करनी चाहिए, शहरों में चाहिए कि जो सीमेंट के रोड ,सीमेंट का आंगन आप लोग बना रहे हैं वहां पर हो सके तो पैवर ब्लॉक का इस्तेमाल कीजिए, वृक्षारोपण कीजिए पानी का कम से कम इस्तेमाल कीजिए। याद रखिए 'बिन जल, भविष्य हिन कल '!
जल संचयन से आर्थिक लाभ
आपश्री ने जल की महत्ता बताते हुए कहा कि। वर्षा जल में कोई फ्लोराइड या क्लोरीन नहीं होता, इसलिए इस पानी की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है आज नगर पालिका द्वारा घंटो की मेहनत और लाखो रुपए का खर्च कर हमे पेयजल उपलब्ध करा रही है यदि हम वर्षा जल संचयन करते है तो नगरपालिका के पानी के ट्रीटमेंट और पंपिंग लागत भी कम होगी और भू-जल को रिचार्ज करने, इसका स्तर बढ़ाने और जल प्रदूषण को कम करने में भी इससे मदद मिलेगी।
व्यास गादी से किया निमाड़ी कथाकार गदू महाराजजी का सम्मान
श्री महामृत्युंजय धाम गांधी नगर में पर्यावरण रक्षार्थ आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के शुभावसर पर कथा व्यास आचार्य श्री द्वारा निमाड़ी कथाकार श्री दामोदर महाराज पिपरी वालो का भगवा अंगवस्त्र भेंट कर सम्मान किया गया। आपश्री ने आशीर्वचन भी दिए ।तृतीय दिवस की कथा में सुप्रसिद्ध शिक्षाविद दिलीप कर्पे ने भी श्रवण की आरती मुख्य सह मनोरथी राजेंद्र पाठक (धूलिया) और मनोरथी श्री राजेश तिवारी के कर कमलों से संपन्न हुई। और माया दीदी के समर्पण से प्रसादी का वितरण किया।
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