कथा वाचक के साथ श्रद्धालुओं ने किया पौधो को शिरोधार्य

खरगोन शिव उपासना के पुनीत पावन श्रावण मास में श्री महामृत्युंजय धाम गांधी नगर में 10 से 16 अगस्त तक पर्यावरण रक्षार्थ आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस शोभा यात्रा इंद्र देवता की कृपा से झमाझम वर्षा के मध्य ढोल ढमाके के साथ मुख्य मनोरथी सीताराम भडोले के निवास स्थान शास्त्री नगर से श्री महामृत्युंजय धाम तक दोपहर 12 बजे धूमधाम से निकाली गई।

शोभायात्रा में घोड़ा बग्गी में गोपाल कृष्ण भगवान के साथ मनोरथी परिवारों द्वारा रोपित होने वाले पौधे विराजित थे कथा वाचक आचार्य  संजय चंद्रात्रे अन्य श्रद्धालुओं के साथ पौधो को शिरोधार्य कर चल रहे थे। इंद्र देवता की कृपा से हो रही झमाझम बारिश के मध्य निकली शोभायात्रा में मातृशक्ति ने ध्वनि विस्तारक यंत्र पर बज रहे गणगौर झालरिया पर झुमके नृत्य किया।

पर्यावरण रक्षार्थ आयोजित कथा के निमित्त निकली पौधो की शोभायात्रा में मनोरथी परिवार के साथ पूर्व पार्षद लक्ष्मण इंगले, पार्षद बेबी बाई, पार्षद भागीरथ बडोले, जिला पंचायत सभापति संतोष बिल्लौर, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पौधो को शिरोधार्य कर चल रहे थे। श्रद्धालुओं ने शिरोधार्य पौधो को रोपित कर वृक्ष बनाने का संकल्प भी लिया।

बादल भी पेड़ पौधो का निमंत्रण स्वीकारते है आचार्य 

पर्यावरण रक्षार्थ कथा के प्रथम दिवस व्यास गादी से आचार्य संजय चंद्रात्रे ने कथा महात्म्य बताया एव गौकर्णोपाख्यान करते हुए कहा कि बादल भी पेड़ पौधों की ही भाषा समझते है हम सब को इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण की अनुभूति आज पौधो की शोभा यात्रा में हुई है अतः हम सब संकल्प ले की सब की सुख शांति हेतु अच्छी बारिश हेतु अधिक से अधिक पौधे लगाए और पर्यावरण को संतुलित रखने में अपना योगदान दे। आपश्री ने व्यास गादी से कहा की जो व्यक्ति इस युग में पौधा रोपित कर उसे वृक्ष बनाता है उस व्यक्ति को एक अश्वमेघ यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है आपश्री ने कहा की शिवमहापुराण की मान्यता अनुसार जो व्यक्ति विरान दुर्गम स्थान पर पोधे लगाकर उन्हें वृक्ष बनाता है उसकी पिछली और अगली सात पीढ़ियों तर जाति है आपश्री ने पेड़ की महत्ता बताते हुए कहा कि 10 कुओ के बराबर एक बावड़ी, 10 बावड़ी के बराबर एक तालाब , 10 तालाब के बराबर एक पुत्र और 10 पुत्रो के बराबर एक पेड़ होता है आपश्री ने आगे कहा कि इस युग में इस बात की कोई ग्यारंटी नही की आपके द्वारा उत्पन्न पुत्र भविष्य में आपको सुख देगा लेकिन ये तय हे की आपने यदि आम के पोधे को लगाकर वृक्ष बनाता है तो वृक्ष उसे मीठे मीठे फल देता है।

प्रथम दिवस की कथा विराम पर मुख्य मनोरथी सीताराम भड़ोले, मनोरथी शंकरलाल गुप्ता द्वारा आरती की गई और दाउलाल महाजन (बैंक वाले) की समर्पण राशि से इलाइची बर्फी की प्रसादी वितरित की गई।

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