ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन
खरगोन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मण्डलेश्वर द्वारा ग्राम पंचायत बबलाई में 22 जुलाई को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर ग्रामीण जनों को सम्बोधित करते हुए जिला न्यायाधीश एवं सचिव सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान में जो कर्तव्य दिए गए है। उनमें से एक कर्तव्य है पर्यावरण की रक्षा करना। पर्यावरण में आप जल, वायु, जंगल, जमीन, पशु पक्षी सभी का संरक्षण शामिल है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के नियमो में वायु, जल, जमीन, ध्वनि को प्रदूषित होने से बचाने के लिए नियम बनाए गए है। उनका उलंघन करने पर दण्ड का प्रावधान है। हमारे पर्यावरण से हमारा ईको सिस्टम चलता है। इसमें पेड़ पौधों के साथ पशु पक्षियों की उयोगिता होती है। सांप का महत्व किसान के लिए है होता हैं क्योकि वह चूहों से फसल की रक्षा करता हैं।
ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन कानून 2016 के तहत ठोस कचरे को एक स्थान पर एकत्रित कर उसका निपटान किया जाता है। इस अपशिष्ट से ऊर्जा खाद आदि बनाकर उसका व्यवसायीक दोहन किया जा सकता है। कर्नाटक के बेंगलुरु शहर के पास एक गांव है जागिले जिसकी पचायत ने ठोस अपशिष्ट के निपटान के लिए मात्र आधा एकड़ जमीन पर एक प्लांट लगाकर अपशिष्ट को रिसाइकल किया गया। इस छोटी पचायत को यहां चालीस हजार रुपये प्रतिमाह की आय ठोस कचरे से हो रही है। अन्य पंचायतों को भी अपने अपने गांवों में ऐसे संयंत्र लगाना चाहिए। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ आय भी मिलने लगेगी।
पैरालीगल वालेंटियर दुर्गेश राजदीप ने विधिक सेवा की जानकारी दी। सरपंच श्रीमती शक्ति रावत ने न्यायाधीश का स्वागत किया और आभार सचिव राजेश पाटीदार ने माना। कार्यक्रम में पीएलवी जोजु मुरियादन, पेसा एक्ट मोबिलाइजर पद्मा वर्मा, रोजगार सहायक सुनीता भावरे सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
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