जीएनएम के 45 छात्र–छात्राओं को दिया एडमिशन, छात्रों का भविष्य अधर में लटका

सुजस नर्सिंग कॉलेजन भवन, न मान्यता

मंडलेश्वर(लोक जागृति समाचार)। शासन प्रशासन को अपनी उंगलियों पर कैसे नचाना ये नेताओ को बहुत अच्छे से आता है। और इसी की चलते शासन प्रशासन बच्चो का भविष्य भी दाव पर लगाने से नही चूकते। ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया नगर के सूजस नर्सिंग कॉलेज का। नगर के सुजस अस्पताल के संचालक राम रतन यादव, डा अखिलेश बर्वे ने दो वर्ष पूर्व 2022 में सुजस नर्सिंग कॉलेज की शुरुवात की। आज दिनांक तक इस कॉलेज का न तो भवन है और न ही शासन द्वारा इस कॉलेज को मान्यता प्राप्त है। वैसे वर्तमान में नर्सिंग कॉलेज की मान्यता संबंधी घोटाला पूरे प्रदेश में जारी है। प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज सीबीआई की जांच की जद में है। उन्ही कॉलेजों की सूची में सुजस नर्सिंग कॉलेज भी बना हुआ है। 

छात्राओं ने लगाए आरोप:

शुक्रवार को सुजस नर्सिंग कॉलेज की जीएनएम की लगभग 25 से अधिक छात्राओं ने सुजस अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया। भारती यादव, खुशी सेन, मोनिका गंगवाल, खुशी श्रीवास, अर्चना सिंगारे, रानी डावर, प्रेमलता भावर सहित अन्य छात्राओं ने जानकारी देते हुए बताया की 2022 के सत्र में 45 छात्र छात्राओं ने सूजस नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लिया था। हमारे सभी मूल दस्तावेज पूरी फीस के साथ कॉलेज प्रबंधन द्वारा जमा करवा लिए गए। आज एडमिशन लिए दो वर्ष का समय बीत गया है। न तो पढ़ाई हुई है और न ही परीक्षा हुई है। छात्राओं ने आगे बताया की हमारा अभी तक एनरोलमेंट भी नही हो पाया है क्योंकि इंडियन नर्सिंग एसोसिएशन द्वारा कॉलेज मान्यता प्राप्त नहीं है। हमे जानकारी मिली है की छात्राओं के एनरोलमेंट की अंतिम तारीख 25 मई है। इसी सिलसिले में हम शुक्रवार को कॉलेज संचालक डा रामरतन यादव से मिले। एनरोलमेंट संबंधी चर्चा करने पर हमसे बड़ी बत्तमीजी से बात कर हमे कमरे से बाहर निकल दिया गया। अब हमे समझ में नहीं आ रहा है की हम क्या करे। हमारे दो साल खराब हो गए है। मूल दस्तावेज नही होने के चलते हम कही और दाखिला भी नही ले पा रहे है। 

सुजस नर्सिंग कॉलेज के पास नही है भवन:

सुजस नर्सिंग कॉलेज के पास अपना कोई भवन नही है जिसके नर्सिंग की कक्षाएं संचालित हो सकते। छात्राओं ने जानकारी देते हुए बताया की जब हमने एडमिशन लिया था तब महेश्वर स्थित एक निजी होटल के नजदीक भवन में कॉलेज संचालित होना बताया गया था। वही कुछ दिन पूर्व सीबीआई द्वारा जब कॉलेज की जांच की गई तो संचालकों द्वारा कॉलेज भवन, चोली रोड स्थित बंद पड़े इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन पर सूजस नर्सिंग कॉलेज का बोर्ड लगा कर सीबीआई के जांच दल को दिखाया गया। छात्राओं ने इसके वीडियो भी मीडिया को उपलब्ध करवाए। 

राजनैतिक रसूख का उठाते है फायदा

सुजस नर्सिंग कॉलेज के संचालक डा रामरतन यादव महू के एक बड़े भाजपा नेता के रिश्तेदार है एवं डा अखिलेश बर्वे का नाम स्थानीय भाजपा के नेताओ मे शुमार है। इसी के चलते उक्त दोनों संचालक अपनी मनमानी करते आ रहे है। कोविडकाल में भी सुजस अस्पताल में बहुत गड़बड़िया सामने आई पर राजनैतिक रसूख के चलते अस्पताल प्रबंधन ने अपनी मनमानी जारी रखी। वही नर्सिंग कॉलेज के मामले में भी अपनी राजनैतिक रसुख के चलते जीएनएम के 45 बच्चो के भविष्य को अधर में लटकाते हुए अपनी मनमानी को अंजाम दे रहे है। 

उक्त संदर्भ में जब मीडिया ने कॉलेज संचालक डा रामरतन यादव एवं डा अखिलेश बर्वे से चर्चा करना चाही तो पहले तो दोनो इधर उधर की बाते कर मामले तो टालने का प्रयास करते रहे पर जब कॉलेज से संबंधित सवालों का उचित जवाब नहीं दे पाए तो बत्तमिजी पर उतर आए। बत्तमीजी में डा यादव ने यहां तक कह दिया की हम आपको किसी भी तरह का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध नही है।

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