महाशिवरात्रि पर विभिन्न शिव मंदिरों में होंगे अनुष्ठान, प्रातःकाल से खुलेंगे मंदिरों के पट
खरगोन। शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व शहर में धुमधाम से मनाया जाएगा। प्रातःकाल से शुरू होगा पूजा-अर्चना व अभिषेक का दौर, जो देर शाम तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न शिव मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठान भी होंगे। इसी कड़ी में भावसार मोहल्ला स्थित श्री सिद्धनाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर विभिन्न अनुष्ठान होंगे। मंदिर समिति अध्यक्ष मनोज भावसार ने बताया कि प्रातः 3 बजे से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खुल जाएंगे। प्रातः 4 बजे रुद्राक्ष मित्र मंडल द्वारा भगवान श्री सिद्धनाथ महादेव जी का रूद्राभिषेक कर श्रंृगार आरती करेगा। वही दोपहर 12 बजे मल्लीवाल परिवार द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मंदिर के शिखरों पर नवीन ध्वजारोहण किया जाएगा। मल्लीवाल परिवार के वरिष्ठ गुलाबचंद भावसार करीब 376 वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करेंगे। रात्रि में भगवान श्री सिद्धनाथ महादेव जी को साफा पहनाकर दूल्हा बनाया जाएगा और रात्रि 8.30 बजे महाआरती की जाएगी। महाआरती के बाद 80 किलों शकरकंद की प्रसादी का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा रात्रि 9 बजे से भव्य भजन संध्या का अयोजन किया जाएगा। इस दौरान खप्पर गरबी टीम द्वारा शानदार भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। मंदिर पुजारी हरिश गोस्वामी ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी रात्रि में श्रृंगार कर भगवान श्री सिद्धनाथ महादेव जी के शयन दर्शन कराएं जाएंगे।
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(भगवान श्री सिद्धनाथ जी की श्रृंगार आरती रूद्राक्ष मित्र मंडल द्वारा) |
इन मंदिरों में भी धुमधाम से मनाया जाएगा पर्व
शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में भी महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धुमधाम से मनाया जाएगा। इनमें सराफा बाजार स्थित श्री नीलकंठ मंदिर, कसरावद रोड़ स्थित श्री मेलडेरेश्वर महादेव मंदिर, औरंगपुरा स्थित श्री बडघाटेश्वर मंदिर, बाकी माता पथ स्थित श्री महाबलेश्वर मंदिर, कुंदा नदी तट स्थित काला देवल व महाकाल मंदिर, जैतापुर स्थित श्री ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर, मंडी परिसर स्थित श्री आशुषोत महादेव मंदिर, ब्राह्मणपुरी स्थित श्री ज्येश्वर महादेव मंदिर, गांधी नगर स्थित श्री महामृत्युंजन मंदिर, पीडब्ल्यूडी स्थित शिव मंदिर, डीआरपी लाईन स्थित शिव मंदिर, कृष्णकुंज कॉलोनी स्थित कृष्णेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं द्वारा भगवान भोलेनाथ का पूजन-अर्चन व अभिषेक किया जाएगा और रात्रि में श्रृंगार कर महाआरती की जाएगी।
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