मुख्यमंत्री करेंगे 557 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण, क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगोन का होंगा डिजिटल शुभारंभ

कलेक्टर ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर लिया तैयारियों का जायजा

खरगोन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 14 मार्च को दोपहर 01 बजे पीजी कॉलेज खरगोन में आयोजित कार्यक्रम में क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय के कैम्पस का डिजिटल शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही वे खरगोन जिले की 557 करोड़ 47 लाख रुपए के लागत की 03 उद्वहन सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने आज 13 मार्च को पीजी कॉलेज पहुंचकर अधिकारियों के साथ कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती लक्ष्मी गामड़एसडीएम भास्कर गाचलेडिप्टी कलेक्टर सुश्री पूर्वा मण्डलोईपीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरएस देवड़ासहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग प्रशांत आर्यआबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारीशहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी उमेश जोशी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

       कलेक्टर शर्मा ने पीजी कॉलेज में 14 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक करके आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। खरगोन में विश्वविद्यालय प्रारंभ होने से इसमें नये-नये कोर्स एवं अनुसंधान के कार्य प्रारंभ होंगे। जिससे इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए इंदौर एवं अन्य बड़े शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। विश्वविद्यालय के खुलने से खरगोन जिले में शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे। यह विश्वविद्यालय छात्रों के समग्र विकास के लिए विश्व स्तरीय अधोसंरचना प्रदान करेगा। क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय में खरगोनबड़वानीआलीराजपुरखण्डवा एवं बुरहानपुर जिले के 83 शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों को शामिल किया जाएगा। इन महाविद्यालयों के लगभग 25 हजार छात्र-छात्राएं इस नये विश्वविद्यालय के अधीन उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे।

       14 मार्च को क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय के शुभारंभ अवसर पर खरगोन जिले की 557 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत की 03 उद्वहन सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण भी किया। इनमें 365 करोड़ 42 लाख रुपए के पीपरी माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना68 करोड़ 36 लाख रुपए की चौंडी-जामन्या माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना एवं 123 करोड़ 69 लाख रुपए की बलकवाड़ा माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना शामिल है।

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