मां बाघेश्वरी का फल और सब्जियों से किया आकर्षक श्रृंगार

 शाकंभरी पूर्णिमा विशेष......

मां से शहर की सुख, शांति व समृद्धि की कामना की

खरगोन। ब्राह्मणपूरी स्थित श्री बाघेश्वरी माता मंदिर में बुधवार को शाकंभरी पूर्णिमा का पर्व धुमधाम से मनाया गया। यहां मां बाघेश्वरी का फलों और सब्जियों से श्रृंगार कर महाआरती की गई। मंदिर पुजारी जगदीश ठक्कर ने बताया कि पौष माह में शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक शाकंभरी नवरात्रि होती है। इस अवसर पर देवी का भव्य श्रृंगार किया जाता है। पंडित ठक्कर ने कहा कि जब दुर्गम दैत्य ने ब्रह्मा जी से वरदान में चारों वेदों को प्राप्त कर के चारों तरफ आंतक मजाने लगा। पाप के कारण सुखा पड़ने लगा, महामारी जैसे रोग फैलने लगे जिससे लोग व अन्य प्राणी मरने लगे। तब ऋषियों के द्वारा मां शक्ती कि उपासना कि गई, तब मां ने अपने ही शरीर से सभी सब्जियों व फलों को प्रगट कर सभी प्राणियों की रक्षा कर के महामारी का नाश कर उस दुगर्म दैत्य का वध किया था। तब से मां शक्ती का एक और नाम दुर्गा हुआ। मां बाघेश्वरी का प्रातः 7 बजे स्नान के बाद फलों व सब्जियों से भव्य ‌श्रंगार कर प्रातः 10.30 बजे महाआरती की। इसके महाप्रसादी के रुप में विभिन्न फलों का प्रसादी के रूप में वितरण किए। 

विभिन्न प्रकार के फल व सब्जियों से किया मां का श्रृंगार

पंडित ठक्कर ने बताया कि मां बाघेश्वरी का श्रृंगार विभिन्न फलों व सब्जियों से किया गया। इनमें नारियल पानी, केले, सेवफल, पपीता, अनार, संतरा, पायनपल, शलजम, बोर, चीकू, कोतमिर, गाजर, मूली, पालक, मैथी, पत्तागोभी, गिलकी, मिर्ची, नींबू, लौकी आदि फल व सब्जियों शामिल है। पुजारी ठक्कर के अनुसार देवी पुराण में कहा गया है कि जो पौष पूर्णिमा के दिन मां शाकंभरी माता के दर्शन करते हैं उनका परिवार हरा-भरा रहता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

महोत्सव में कई भक्त बने यजमान

पुजारी ठक्कर ने बताया कि प्रतिवर्ष शांकभरी पूर्णिमा मनाया जाता है। इस महोत्सव में नरेंद्र वर्मा, कृष्णकांत गोयल, रामकृष्ण गुप्ता, राजु भावसार, विशाल अग्रवाल, राजेश वर्मा, अजय रघुवंशी, मीना मोहन साद आदि ने यजमान बनकर मां से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।

Comments