राम सामाजिक समरसता के पर्यायी मोलवा

6 दिसंबर नही होती तो 22 जनवरी भी नही आती

खरगोन। मेने पद चिन्हों पर जाते लक्ष्मण देखा, भाई के विरह में यग्र शत्रुघ्न देखा, लौटकर आया ही नहीं भरत सा मन देखा, तुम्हारे इकंदर सिकंदर सब दौ कोड़ी के, मेने राम की चरण पादुका का शासन देखा... उक्त पंक्तियों के साथ राष्ट्रीय ओजस्वी कवि मुकेश मोलवा ने शौर्य दिवस की धर्म सभा में सिंह सी गर्जना करी। 

विहिप जिला प्रचार प्रसार प्रमुख दीप जोशी ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 6 दिसंबर शोर्य दिवस धूमधाम से मनाया गया इसके निमित्त सांयकाल 6 बजे से श्री गुरुनानक तिराहे पर महाआरती एवम टांटिया मामा तिराहा बिस्टान नाके पर धर्म सभा का आयोजन किया गया। जिसे मुख्य वक्ता राष्ट्रीय ओजस्वी कवि मुकेश मोलवा ने संबोधित करते हुए कहा कि जातिवाद से सामाजिक एकता में कमी आयेगी हिंदू राष्ट्र की कल्पना कमजोर होगी और राष्ट्र के टुकड़े होने की संभावना रहेगी अतः आज आवश्कता हे की जिस तरह राम ने सबरी, केवट, विषाद वानर और भालू सभी को साथ में लेकर समरसता का परिचय दिया है उसी तरह आज शोर्य दिवस पर हम सभी एक होकर सामाजिक समरसता संकल्प लेकर हिंदू राष्ट्र का निर्माण करे।

इस अवसर पर विहिप विभाग मंत्री मनोज वर्मा ने कहा कि यदि 6 दिसंबर नही होती तो 22 जनवरी भी नही आती धर्मसभा को जिला मंत्री विवेक सिंह तोमर ने भी संबोधित किया। जिला अध्यक्ष मोहन शर्मा एवम जिला संयोजक हेमेंद्र कानूनगो मंचासिन थे। नवनिर्वाचित विधायक बालकृष्ण पाटीदार और नगर पालिका अध्यक्ष छाया जोशी, वरिष्ठ कारसेवक रणजीत डंडीर महाआरती में शामिल हुए और सनातनी श्रोताओं के साथ बैठकर धर्मसभा को श्रवण किया।धर्म सभा में मुख्य वक्ता का गौ सेवा संस्थान,बिस्तान नाका रावण दहन समिति, स्नेक रेस्क्यू टीम द्वारा शाल श्रीफल से स्वागत किया। महारुद्रेश्वर रामायण मंडल द्वारा कर्णप्रिय भजनों के साथ श्री हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया। धर्मसभा में स्वागत भाषण विशाल कराले ने दिया एवम सफल संचालन नगर मंत्री राजू सोनी ने किया और अंत में आभार शिवम दांगी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर विहिप बजरंग दल के अमित अवस्थी, रोहित जी भावसार, हर्ष जी गुप्ता, अंतिम गोस्वामी, तरुण चौहान, रजत करोसिया, रवि वर्मा, आकाश डंडीर एवम अन्य पदाधिकारी,कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में सनातन धर्मावलंबी उपस्थित थे।

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