सुनाई देने लगी खप्पर में गाई जाने वाली गरबियां, शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी एवं महानवमी पर निकलेगा माता का खप्पर
खरगोन। भावसार क्षत्रिय समाज द्वारा पिछले 405 वर्षों से चली आ रही खप्पर की परंपरा में गाई जाने वाली गरबियां भावसार मोहल्ले की गलियों में सुनाई देने लगी है। इन गरबियों का अभ्यास भावसार मोहल्ला स्थित श्री सिद्धनाथ महादेव मंदिर में रोजाना रात्रि में किया जा रहा है। खप्पर आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ.मोहन भावसार ने बताया कि शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी एवं महानवमी पर निकलने वाले माता अंबे एवं माता महाकाली का खप्पर निकलता हैं। खप्पर में जिन गरबियों पर मां अंबे व माता महाकाली रमती है, उन गरबियों का अभ्यास मिरदिंग एवं झान—मजीरा के साथ किया जा रहा है। इस दौरान अरे हऊ तो मनाऊ गणपति रे........, वेगा आओनी आरे आ.........., आनंदी गुण गाऊ महाकाली ओ.........., सरवर हिंडोलो गिरवर..........., अंबा देवी भारत नो संकट मिटावजो........., देवी म्हारी पावानी रे पटरानी भवानी......., सब देवन म देव महादेव बड़ो भारी......., देवी महाकाली कलयुग......, सांची कहो रे प्रहलाद......, म्हारी अंबे भवानी माय वो......., राखो सब भक्तन की लाज खप्पर वाली जी....., सीता मांगे अवध को राज....., अरे चांदनिया चालो मन अति उतावला..... जैसी गरबियों का अभ्यास किया जा रहा है। इस दौरान जगदीश भावसार, सोनू बादशाह, कान्हा गबु भावसार, राम भावसार, निखिल भावसार, ऋषि भावसार, ऋतिक धारे, कमल धारे, श्याम धारे, राजू भावसार, धर्मेंद्र भावसार लाला, अनुज भावसार, सौरभ धारे, शैलेंद्र भावसार, आदित्य भावसार, वैभव भावसार, अज्जू भावसार, गोविंद भावसार, पवन भावसार, मोहित भावसार, नकुल भावसार, सार्थक भावसार आदि द्वारा रोजाना गरबियों का अभ्यास किया जा रहा है।
Comments
Post a Comment