तड़के 4 बजे शेर पर सवार होकर आई माता महाकाली, श्रृद्धालुओं को दिए दर्शन
भगवान नरसिंह व हिरण्कश्यप की सवारी के बाद हुआ कार्यक्रम समापन
खरगोन। न दिन में मरू न रात में मरू, न अस्त्र से मरू न शस्त्र से मरू, न इंसान से मरू न पशु से मरू, न जमीन में मरू न आसमान में मरू, यह वरदान राक्षण हिरण्कश्यप को मिला था, जिसे मारने के लिए स्वयं भगवान श्रीहरि ने नरसिंह अवतार लिया था ंऔर राक्षस हिरण्कश्यप का वध किया था। ऐसा ही कुछ प्रसंग भावसार मोहल्ला स्थित श्री सिद्धनाथ महादेव मंदिर प्रांगण में हुआ। यहां भावसार क्षत्रिय समाज की 405 वर्षों से चली आ रही खप्पर की परंपरा अंतर्गत खप्पर का कार्यक्रम आयोजित हो रहा था, जिसका भगवान श्री नरसिंह द्वारा हिरण्कश्यप के वध के पश्चात समाप्त हुआ। खप्पर आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. मोहन भावसार ने बताया कि शारदीय नवरात्रि की महानवमी को तड़के 4 बजे माता महाकाली की सवारी निकाली गई। माता महाकाली शेर पर सवार होकर आई और भक्तों को दर्शन दिए। महानवमी पर गरबियों पर सर्वप्रथम गणेश जी निकले। उसके बाद माता महाकाली की सवारी निकली। महाकाली के बाद भगवान नरसिंह व हिरण्कश्यप की सवारी निकली। कार्यक्रम के दौरान समाजजनों द्वारा गाई गई गरबियों पर माता महाकाली 50 मिनट तक रमती रही। कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रृद्वालु उपस्थित थे।
पीढ़ी दर पीढ़ी निभा रहे है परंपरा आज भी जारी
405 वर्षों से चली आ रही खप्पर की परंपरा में पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरा निभा रहे है, जो आज भी अनवरत जारी है। परंपरा निभाने वाले भावसार समाज के वंशजों में माता महाकाली का रूप लाला जगदीश भावसार, नरसिंह भगवान का रूप मोहित बसंत भावसार, हिरण्कश्यप का रूप विनोद गोविंद भावसार ने धारण किया। वहीं माता के शेर का स्वांग रवि महाजन ने रचा, तो दीवांजी का किरदार नरेंद्र भावसार ने निभाया। भगवान श्री गणेश जी व हनुमानजी का स्वांग आयुष भार्गव व प्रीत भार्गव ने धारण किया। कृष्ण-बलराम व गांधीजी का रूप प्रियांशु भावसार, शशिकांत पटेल व ओंकार भावसार ने रचा। श्री गणेश एवं माता महाकाली का स्वांग रचने वाले सर्वप्रथम अधिष्ठाता भगवान श्री सिध्दनाथ महादेव जी के दर्शन करने के पश्चात ही निकलते है।
इन्होंने दी मृदंग व गरबियों की प्रस्तुति
खप्पर के दौरान समाजजनों द्वारा मृदंग व निमाड़ी गरबियों की प्रस्तुतियां दी गई। इनमें मुख्य रूप से जगदीश भावसार, राजू भावसार, सोनु बादशाह, ऐश्वर्य भावसार, राम भावसार, धर्मेंद्र भावसार लाला, रिषी भावसार, रितिक धारे, श्याम धारे, कमल धारे, अनुज भावसार, निखिल भावसार, शैलेंद्र भावसार, मोहित भावसार, अज्जु भावसार, आदित्य धारे, वैभव भावसार, सौरभ धारे, जिम्मी भावसार, दिव्यांश भावसार, शिवम भावसार आदि शामिल है।
इनका रहा विशेष योगदान
कार्यक्रम के दौरान हेमंत भावसार, मनोहर भावसार, भोला भावसार, गौरव भावसार अप्पु, मनोज भावसार, प्रीत भावसार, दिलीप भावसार, सचिन भावसार, चंदु भावसार, सुमित भावसार, अनिल धारे, नीरज भावसार सन्नी, हरिश गोस्वामी आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में भावसार क्षत्रिय समाज खप्पर आयोजन समिति ने दो दिवसीय कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पुलिस प्रशासन, समिति के सभी सदस्यगण, कलाकार, गरबी गायक, मृदंग वादक व कार्यक्रम का कव्हरेज देने वाले सभी संचार प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
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