कलेक्टर ने जलजीवन मिशन के कार्याे की समीक्षा की: योजना निर्माण में बाधा उत्पन्न करने वाले सरपंचों को धारा-40 कर तहत नोटिस होंगे जारी
सामाजिक क्रांति में सहभागी सोच के साथ योजनाएं पूर्ण करने के निर्देश
45 दिनों में नवीन स्वीकृत और रिवाइज अनुमति वाले कार्य होंगे प्रारम्भ
खरगोन। कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने जल जीवन मिशन से जुड़े विभाग और ठेकेदारों से कहा कि जो सरपंच या गांव का व्यक्ति योजनाओं के निर्माण में व्यवधान या रोड़े अटकाने का कार्य कर रहे हैं तो कार्यवाही सुनिश्चित करें। अगर किसी गांव में योजना निर्माण में कोई सरपंच व्यवधान उत्पन्न कर रहा है तो सीईओ जनपद के माध्यम से धारा-40 के नोटिस जारी करवाएं। इस मामले में जनपद सीईओ को भी निर्देश दिए हैं। इसी तरह यदि कोई व्यक्ति रोड़े अटकाने का काम कर रहा है तो शासकीय कार्य में बाधा के लिए धारा-353 में प्रकरण दर्ज करवाएं। कलेक्टर वर्मा द्वारा शुक्रवार को आयोजित जल जीवन मिशन के कार्याें की समीक्षा बैठक में बड़वाह जनपद के बड़गांव व कसरावद के करोंदिया गांव में सरपंच द्वारा कार्य रोके जाने की समस्या ठेकेदार व उपयंत्री द्वारा बताई गई थी। इसी समस्या को दूर करने के लिए बैठक से ही कलेक्टर वर्मा ने कसरावद व बड़वाह एसडीएम को समस्या निराकरण करने के सम्बंध में निर्देश दिए। बैठक के दौरान कलेक्टर वर्मा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री बीएस अचाले को निर्देश दिए कि 45 दिनों के भीतर सभी नवीन स्वीकृत योजना प्रारम्भ करें। साथ ही जिन योजनाओं के रिवाइज एस्टीमेट बनाएं हैं उनकी स्वीकृत प्राप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें।
भीकनगांव में फास्टेस्ट प्रगति हुई, कसरावद अनुभाग में 1 माह में कोई प्रगति नहीं
समीक्षा बैठक में सामने आया कि भीकनगांव द्वारा गत एक माह में सबसे तेज गति से कार्य किए गए। जबकि कसरावद जनपद द्वारा कोई भी प्रगति नहीं की गई। गत 21 जुलाई के बाद भीकनगांव अनुभाग में 14 योजनाएं पूर्ण की गई। जबकि कसरावद अनुभाग में 21 जुलाई के बाद सिर्फ एक योजना में 50 से 75 प्रतिशत से 75 से 100 प्रतिशत कार्य मे प्रगति की है। जिले में गत एक माह में 23 योजनाएं शत प्रतिशत पूर्ण हुई। जबकि 75 से 100 प्रतिशत पूर्ण वाली योजनाओं में 18 योजनाओं में प्रगति हुई है। साथ ही 15 नवीन स्वीकृत योजनाओं में कार्य प्रारम्भ किया गया। अब तक जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत 690 योजनाएं स्वीकृत है। जिसमें 298 पूर्ण और 164 ऐसी योजनाएं है जिनमें कार्य 75 से 100 प्रतिशत के बीच मे कार्य हुआ है।
लाड़ली बहना सेना इच्छूक हो तो योजना का कर सकती है संचालन
कलेक्टर वर्मा ने बैठक में निर्देश दिए कि ऐसी योजनाओं या गांवों की सूची बनाये जहां स्त्रोत के कारण समस्या है। योजना स्वीकृत नहीं हो सकी है। ऐसे गांवों में अन्य तरह से विकल्प के तौर पर निर्मल नीर या मनरेगा से तालाब निर्माण या अन्य तरह से प्रयास कर जल उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा अगली बैठक में विभाग ब्लॉकवार शासकीय भवनों में पेयजल उपलब्धता की वस्तुस्थिति प्रस्तुत करेंगे। वही इससे संबंधित जानकारी के लिए महिला बाल विकास, एमपीईबी, डीपीसी और जनजाति कार्य विभाग से अपडेट जानकारी लेकर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिले की ऐसी योजनाएं जिनके संचालन का कार्य महिला स्व सहायता समूहों द्वारा की का रही है। इसकी भी जानकारी मांगी गई है। जिले में अब लाड़ली बहना सेना अगर योजना संचालन करना चाहती है तो प्राथमिकता के तौर पर कार्य दिया जाएगा।
जल निगम ने भी जिले में कार्य किया प्रारम्भ
जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान जल निगम द्वारा नवीन स्वीकृत योजनाओं की भी जानकारी ली गई। जल निगम के एसडीओ पचलैय्या ने बताया कि निमरानी-2, अपरवेदा, इंदिरा सागर-2 और देजला-देवाड़ा परियोजनाओं पर जल निगम द्वारा कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। इन 5 योजनाओं से जिले में 3 लाख 74 हजार 449 घरेलू नल कनेक्शन से जल प्रदाय किया जाएगा।
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