सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायत की जाँच में दोषी पाए जाने पर कलेक्टर हुए सख्त, प्रभारी प्राचार्य और सहायक शिक्षक को निलंबित करने के दिए निर्देश

अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों के सम्बंध में लिया जाएगा प्रमाणीकरण

सूची भी सूचना पटल पर चस्पा करने के कलेक्टर ने दिए आदेश

खरगोन। कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायत की जांच के बाद अतिथि शिक्षक की नियुक्तियों के मामलें लिए सख्त निर्णय किये है। उन्होंने जांच के बाद दोषी पाए जाने पर प्रभारी प्राचार्य शाउमावि मोहनपुरा रामलाल मोरे और सहायक शिक्षक संतोष सांग्रे को निलंबित करने के निर्देश जनजाति कार्य विभाग को जारी कर दिए है। साथ ही अब नवीन सत्र में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के सम्बंध में आवश्यक आदेश भी जनजाति कार्य विभाग को जारी किए है। कलेक्टर वर्मा ने बताया कि 23 जून को सीएम हेल्पलाइन पर हरीश जांगड़े ने मोहनपुरा में अतिथि शिक्षकों की अनियमित भर्ती तथा वेतन आहरण 2019 के सम्बंध विभागीय जांच की मांग की थी। इस मामले में ठोस जांच के बाद कलेक्टर वर्मा ने सख्ती करते हुए निर्णय लिए है। अब आगे अतिथियों की भर्ती के बाद संस्था प्रभारी को आवश्यक रूप से यह प्रमाणीकरण करना होगा कि सम्बंधित विद्यालय के किसी भी पदाधिकारी का कोई रिश्तेदार अतिथि शिक्षक नियुक्त नहीं किया है। साथ ही नियुक्त अतिथि शिक्षक की सूची सूचना पटल पर भी चस्पा करना होगी। इसके अलावा जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा सभी स्कूलों में नियुक्त अतिथि शिक्षकों का डेटाबेस तैयार करेंगे। इसकी जानकारी कलेक्टर को भी प्रस्तुत की जाएगी।

जाँच में क्या पाया गया

जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायत की जांच के लिए दो प्राचार्याे को नियुक्त किया गया। जांच में पाया गया कि प्रभारी प्राचार्य रामलाल मोरे व सहायक शिक्षक संतोष सांग्रे द्वारा फर्जी तरीके से कालूराम मोरे व कृतिका कुमावत के उपस्थिति पत्रक पर उपस्थिति विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भेजते थे। बीईओ भगवानपुरा द्वारा उपस्थिति के आधार पर आहरण किया जाता रहा था। प्रभारी प्राचार्य मोरे ने फर्जी तरीके से अपने भतीजे कालूराम को लाभ पहुँचाया। जबकि सांग्रे ने भी अपनी रिश्तेदार कृतिका को लाभ पहुँचाया है। जांच में पाया गया कि वर्ष 2019 के अतिथि शिक्षकों के उपस्थिति पत्रक में कालूराम और कृतिका का नाम है। माह जुलाई से अक्टूम्बर एवं दिसम्बर, जनवरी मार्च और अप्रैल तक की उपस्थिति दे दी गई परंतु दोनों शिक्षको का नाम संस्था में संधारित किये गए अतिथि शिक्षकों के रजिस्टर में नाम नहीं लिखें गए। हरीश जांगड़े द्वारा की गई शिकायत सही पायी गई।

अब आगे कलेक्टर ने ये किये आदेश

कलेक्टर वर्मा इस पूरे मामलें में पूरी सख्त कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि दोनों दोषियों को तो निलंबित किया गया है। साथ ही दोनों को किया गया भुगतान वापस जमा करें अन्यथा एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके अलावा जिसके द्वारा भुगतान किया गया वो इन दोनों से राशि वापस कराएंगे।


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