किसानों को सिंचाई के लिए आ रही पानी की समस्या को लेकर कांग्रेस कमेटी कसरावद ने किसानों के साथ सौंपा ज्ञापन
भाजपा सरकार कर रही किसानों की अनदेखी
खरगोन। म.प्र. के पूर्व उप मुख्यमंत्री, सहकारी और किसान नेता स्व. सुभाष यादव द्वारा प्रदेश और जिले के किसानों को समद्धशाली बनाने के लिए यादव द्वारा निमाड अंचल में हरित क्रांति लाने के लिए कई सिंचाई बांध परियोजनाओं की स्वीकृति कराकर इंदिरा सागर सिंचाई परियोजना, औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना, कठोरा सिंचाई परियोजना और अंबकनाला सिंचाई योजना जैसी विधानसभा क्षेत्र कसरावद में ही नहीं वरन् पूरे म.प्र. में किसानों को सिंचाई का पानी और ग्रामीणों को पेयजल सुगमता से उपलब्ध हो इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रदेश में उनके द्वारा सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर कई योजनाओं को मूर्त रूप देकर निमाड के हर खेत में सिंचाई का पानी पहुंचाकर किसानों को समृद्ध बनाने का काम किया है। प्रदेश में भाजपा की सरकार लगभग 18 वर्षों से काबिज हुई है । इन 18 वर्षों में प्रदेश के किसानों की सबसे ज्यादा हालत खराब हुई है । प्रदेश के भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बलकवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजनाओं को समय सीमा में पूर्ण कराने में विफल रही है । जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार होकर किसानों को कर्ज में धकेलने का काम कर रही है । बलकवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना से किसानों को शीघ्र सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के निर्देश पूर्व कृषि मंत्री और कसरावद के विधायक सचिन यादव के निर्देश पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कसरावद के अध्यक्ष परसराम यादव और सैकड़ों किसानों द्वारा महामहिम राज्यपाल के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार जितेन्द्र सिंह अलावा को सौंपा । ज्ञापन में मांग की है कि:-बलकवाडा उद्वहन सिंचाई योजना से किसानों को शीघ्र सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाए
तहसील कसरावद में अधूरी सिंचाई परियोजनाओं से किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। अधूरी बलकवाडा सिंचाई परियोजना व्यवस्था का मूंह चिडा रही है। योजना को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चौहान और उनके विभाग के अधिकारी, कर्मचारी प्रत्येक 6 माह में इस योजना को पूर्ण करने का आश्वासन तो देते हैं, परन्तु वर्षो बित जाने के बाद भी योजना की अभी तक टेस्टिंग भी पूर्ण नहीं हो पाई है। अभी विगत दिनो खरगोन जिले के प्रवास के दौरान शिवराजसिंह चौहान द्वारा मंच से मई 2023 में बलकवाडा सिंचाई योजना का पानी किसान के खेत तक पहुंचाने का आश्वासन दिया था।
परन्तु आज जून के महिने का दूसरा दिन है परन्तु अभी तक खेतों में पानी पहुंचाना तो दुर की बात सरकार अभी तक इन पाईप लाईनों की टेस्टिंग भी पूर्ण नहीं कर पाई है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान किसी को हो रहा है तो वह किसान है। योजना का लाभांन्वित होने वाले ग्रामों के किसान टकटकी लगाये हुए हैं कि कब इस योजना का पानी उनके खेत में पहुंचे और वे इसका लाभ उठाएं। परन्तु किसान विरोधी भाजपा सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। कसरावद विधानसभा क्षेत्र में 3 सिंचाई परियोजना बलकवाडा सिंचाई योजना, चोंडी-अंदड सिंचाई योजना और अंबा-रोडिया सिंचाई योजना की स्वीकृति की गई है। लेकिन मौजूदा हाल में एक भी सौ फिसदी पूर्ण नहीं हुई है। बलकवाडा सिंचाई परियोजना का काम धीमी गति से हो रहा है। दो चरणों में पूर्ण होने वाले इस योजना से 900 हेक्टैयर में सिंचाई का दावा किया गया। आलम यह है कि पहले चरण का काम ही अभी खटाई में पडा है। जिसके कारण आज किसानों में भारी आक्रोश है।
औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना की नहरों के अंतिम छोर और माईनर नहरों में पानी पहुंचाने बाबद्
मां नर्मदा के पावन तट औंकारेश्वर में निर्मित औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना से तहसील कसरावद के किसानों को भी सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। सिंचाई परियोजना के वर्तमान में यह हाल है कि सिंचाई परियोजना प्रारंभ होने से आज दिनांक तक माईनर नहरों के साथ ही मुख्य नहर के अंतिम छोर तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पाया है। इस संबंध में किसानों और कांग्रेस पार्टी द्वारा कई बार नर्मदा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत कराया है। परन्तु आज तक भाजपा सरकार और उनके मातहत विभाग के अधिकारियो/कर्मचारियों की कुंभकर्णी नींद नहीं खुली है और योजना भ्रष्टाचार की भेट चड चुकी है। यहां तक कि किसानों की शिकायत पर उक्त सिंचाई परियोजना की जांच भी उन लोगों से कराई गई जिन लोगो के द्वारा इन नहरों का निर्माण कराया गया है। क्या यह निष्पक्ष और किसान हित में कोई जांच होगी ? विभागीय और सरकार की लापरवाही के कारण आज किसान खूंन के आंसू रो रहा है। वर्षो बीत जाने के बाद भी नहर के अंतिम छोर पर खेती कर रहे किसान को औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना का पानी आज नहीं मिलना सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। सालों से क्षेत्र के किसान नहर में पानी के लिए संघर्ष कर रहे है। शासन-प्रशासन तक अनगिनत बार निवेदन कर ज्ञापन दे चुके हैं। हर बार उन्हें झुठे आश्वासन दिये जा रहे है। हमारी मांग है कि औंकारेश्वर परियोजना के माईनर नहरों और मुख्य नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाया जाए।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता राजेन्द्र सिंह यादव, अनिल यादव, इंदरसिंह राठौर, डॉ.शिरीष जायसवाल, राजेश बागदरे, लक्ष्मण पटेल, सुखलाल दामोदर, इम्तियाज पटेल, प्रदीप सोलंकी, नवीन रायली, रमेश यादव, अशोकसिंह चौहान, अजय मण्डलोई, जितेन्द्र पटेल, संजय पटेल, गोलु जोशी, के साथ ही बडी संख्या में किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना की नहरों के अंतिम छोर और माईनर नहरों में पानी पहुंचाने बाबद्
मां नर्मदा के पावन तट औंकारेश्वर में निर्मित औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना से तहसील कसरावद के किसानों को भी सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। सिंचाई परियोजना के वर्तमान में यह हाल है कि सिंचाई परियोजना प्रारंभ होने से आज दिनांक तक माईनर नहरों के साथ ही मुख्य नहर के अंतिम छोर तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पाया है। इस संबंध में किसानों और कांग्रेस पार्टी द्वारा कई बार नर्मदा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत कराया है। परन्तु आज तक भाजपा सरकार और उनके मातहत विभाग के अधिकारियो/कर्मचारियों की कुंभकर्णी नींद नहीं खुली है और योजना भ्रष्टाचार की भेट चड चुकी है। यहां तक कि किसानों की शिकायत पर उक्त सिंचाई परियोजना की जांच भी उन लोगों से कराई गई जिन लोगो के द्वारा इन नहरों का निर्माण कराया गया है। क्या यह निष्पक्ष और किसान हित में कोई जांच होगी ? विभागीय और सरकार की लापरवाही के कारण आज किसान खूंन के आंसू रो रहा है। वर्षो बीत जाने के बाद भी नहर के अंतिम छोर पर खेती कर रहे किसान को औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना का पानी आज नहीं मिलना सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। सालों से क्षेत्र के किसान नहर में पानी के लिए संघर्ष कर रहे है। शासन-प्रशासन तक अनगिनत बार निवेदन कर ज्ञापन दे चुके हैं। हर बार उन्हें झुठे आश्वासन दिये जा रहे है। हमारी मांग है कि औंकारेश्वर परियोजना के माईनर नहरों और मुख्य नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाया जाए।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता राजेन्द्र सिंह यादव, अनिल यादव, इंदरसिंह राठौर, डॉ.शिरीष जायसवाल, राजेश बागदरे, लक्ष्मण पटेल, सुखलाल दामोदर, इम्तियाज पटेल, प्रदीप सोलंकी, नवीन रायली, रमेश यादव, अशोकसिंह चौहान, अजय मण्डलोई, जितेन्द्र पटेल, संजय पटेल, गोलु जोशी, के साथ ही बडी संख्या में किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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