पीएम आवास में हो रही गड़बड़ी, रिपोर्ट और नोटशीट भांपकर कलेक्टर को हुआ संदेह

शासन के मकसद पर खरा उतरा कलेक्टर का संदेह

सत्यापन के बाद सामने आया पीएम आवास का सच

खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा की पारखी नज़र से पीएम आवास में हो रही गड़बड़ी का सच सामने आया। अभी कुछ दिनों पहले की बात है नगर पालिका द्वारा कलेक्टर वर्मा के समक्ष प्रधानमंत्री आवास प्लस के तहत 113 की रिपोर्ट और नोटशीट प्रस्तुत की गई। कलेक्टर वर्मा ने नोटशीट और रिपोर्ट का सूक्ष्मता से जाँच की। इस दौरान उन्हें चिन्हित हितग्राहियों के सम्बंध में संदेह हुआ तो एसडीएम को सत्यापन करने के आदेश दिए। नपा द्वारा प्रस्तुत 113 आवेदकों की फाइल में 76 पात्र और 37 अपात्र बताएं गए। जिनकी सूची नगर पालिका द्वारा तैयार की गई थी।

     कलेक्टर वर्मा के आदेश के बाद एसडीएम ओएन सिंहनगर तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव और आरआई पटवारी के साथ सत्यापन का कार्य शुरू किया। करीब 4 दिनों के इस कार्य में वस्तुस्थिति सामने आयी जो कलेक्टर वर्मा के संदेह को सच बताती है। एसडीएम श्री सिंह ने बताया कि कलेक्टर वर्मा के आदेशानुसार 76 पात्र आवेदकों की जांच के लिए दल बनाया गया। 


जांच में पाया गया कि 76 पात्र आवेदकों में रिक्त भूखंड धारकपक्के मकानजिनके दो-दो मंजिला मकान पहले से ही है तथा पीएम आवास योजना का पूर्व में भी लाभ ले चुके हैं। उन आवेदकों ने भी आवेदन कर दिए हैं। सत्यापन के दौरान 76 पात्र में से केवल 28 पात्र पाये गए। जबकि आधे से ज्यादा 48 अपात्र पाये गए हैं।

शासन की मंशा पात्र छुटे नहीं

कलेक्टर श्री वर्मा ने इस मामले को लेकर कहा कि इस योजना का उद्देश्य यह है कि जिनका कच्चा घर है उन्हें पक्का मकान दिया जाए। इसके लिए शासन की निर्धारित प्रक्रिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश भी है कि पात्र व्यक्ति कोई भी छुटे नहीं और अपात्र को मिलें नहीं। बस इसी मकसद से संदेह होने पर सत्यापन कराया गया।

अब 48 नए पात्र आवेदकों को मिलेगा लाभ

जाँच के बाद 76 में से 28 पात्र व 48 अपात्र पाए गए हैं। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि अब आगे फिर पारदर्शिता अपनाते हुए पुनः प्रक्रिया प्रारम्भ कर 48 वास्तविक पात्र नागरिकांे को योजना का लाभ दिया जाएगा। 



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