आदिवासी क्षेत्र में महाविघालय खोलने की मांग : NUSI ने खरगोन महाविद्यालय में किया प्रदर्शन
खरगोन। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघठन के कार्यकर्ताओ ने मुख्यमंत्री के नाम कॉलेज प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा कालेज परिसर में एनएसयूआई के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिले मुख्यालय पर एक मात्र शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय होने से आस-पास आदिवासी बाहुल्य होने के बावजूद सेगांव, भगवानपुरा, झिरनिया में महाविद्यालय संचलित नहीं होने के कारण हजारो गरीब आदिवासी विद्यार्थी प्रवेश पाने से वंचित रहते है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रियो द्वारा पिछले दस सालों में सेगांव, भगवानपुरा, झिरनिया में कॉलेज खोलने की कई बार झूठी घोषणा की गयी किंतु आज दिनांक तक उपरोक्त तहसील मुख्यालय पर महाविद्यालय संचालन प्रारंभ नहीं हुआ। विद्यार्थियों के अथक प्रयासों के बाद उक्त तहसील मुख्यालयों पर एक एक कमरे में महाविद्यालय प्रारंभ कर मात्र खानापूर्ति की गई जब की उक्त मुख्यालयों पर आज तक न भवन है न ही किसी प्रकार की प्रयोगशाला है और न ही इन महाविद्यालयों की अपनीं कोई प्रवेश लिंक है जिसके चलते विद्यार्थियों को मजबूरी में शासकीय महाविद्यालय खरगोन में प्रवेश लेना पड़ता है। खरगोन महाविद्यालय में भी निर्धारित से ज्यादा प्रवेश होने के कारण प्रत्येक सत्र में लगभग दो से तीन हजार गरीब आदिवासी छात्र प्रवेश से वंचित रह जाते है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अन्यत्र पढाई करने में सक्षम नहीं होने के कारण उनका भविष्य अंधकार में है।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओ ने महाविद्यालय प्राचार्य से यह मांग की गई कि हमारी सभी मांगों को ध्यान मे रखते हुये जल्द से जल्द निराकरण किया जाए, अन्यथा एनएसयूआई बडे स्तर पर आन्दोलन के लिये मजबूर होगा। इस ज्ञापन में एनएसयूआई के रजत शर्मा, अक्षय रघुवंशी, नीलेश सागोरे, रवि निगवाल, ऋषभ टाक, जीतेन्द्र गांगले, विनीता राणे, पवन जाधव, निक्कू बछाने, कुणाल चौहान, वैभव नरगावे, हरिओम यादव, कुंदन पाठक, विनय पाठक व कार्यकर्त्ता उपस्थित में अभय भगोरे द्वारा ज्ञापन का वाचन किया गय।
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