न्यायालय से फर्जी तरीके से लोगों को जमानत दिलाने वाला आरोपी गिरफ्तार
खरगोन। न्यायालय परिसर से पुलिस ने एक बार फिर ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी तरीके से एक ही ऋण पुस्तिका का इस्तेमाल कर अलग-अलग लोगो की जमानत कराकर उन्हें जेल से बाहर कराता था। जमानतदार बार- बार अनजाने आरोपियों की जमानत देने पहुंच रहा था। इस पर खुद सीजेएम न्यायालय ने संज्ञान लिया और फर्जी जमानतदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए। पकड़े गए फर्जी जमानतदार पर कई अन्य लोगों से भी रुपये लेकर जमानत दिलाने का संदेह जताया गया है।
इस मामले को लेकर थाना प्रभारी बीएल मंडलोई ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पदमा राजोरा के न्यायालय में 10 अप्रैल को एससीएनआई 78/18 सतीष विरुद्ध नईमुद्दीन के प्रकरण में जमानत के लिए हयात पिता रसुल खां (65) निवासी गोपालपुरा द्वारा आरोपी नईमुद्दीन पिता नजमुद्दीन की जमानत प्रस्तुत करते हुए उपस्थित हुआ था। जमानतदार की जांच के दौरान आरोपी नईमुद्दीन एवं जमानतदार ने एक-दूसरे को पहचानने से मना कर दिया। न्यायालय कार्रवाई के दौरान उनमें भिन्नता पाई गई। जिससे सीजीएम न्यायालय ने जमानतदार और आरोपी एक-दूसरे से परिचित नहीं है और जमानतदार के द्वारा असत्य रूप से जमानत प्रस्तुत की जा रही है। इस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए
तीन बार पहले दे चुका था जमानत
न्यायालय के जमानत रजिस्टर के अनुसार बैंक जमानतदार के द्वारा इस न्यायालय के समक्ष पूर्व में तीन प्रकरणों में उपस्थित होकर जमानत ली जा चुकी थी, किंतु 10 अप्रैल को जमानतदार की ओर से प्रस्तुत ई-ऋण पुस्तिका में जमानत का कोई उल्लेख नहीं था। जमानतदार के द्वारा रुपयो के लाचल में आकर फर्जी जमानत प्रस्तुत किए जाने की संभावनाओं तथा पूर्व में प्रस्तुत जमानत के तथ्यों को छुपाकर न्यायालय को भ्रमित करते हुए नई ऋण पुस्तिका की प्रति न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। इस कृत्य पर जमानतदार के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।
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