सिकलसेल जागरूकता के लिए क्षेत्र में जांच को बढ़ाया जाए-महामहिम राज्यपाल

खरगोन। सिकलसेल की बीमारी अनुवांशिक एवं गंभीर बीमारी है जो माता-पिता में से बच्चे को होती है। अज्ञानता की वजह से कभी-कभी बच्चों की मृत्यु तक हो जाती है। अतः हम यह करे कि गर्भवती माता की स्वास्थ्य केन्द्रों पर अनिवार्य रूप से सिकलसेल की जांच करवाई जाये। अगर माता पॉजिटिव पाएं जाये तो उसकी विशेष काउंसलिंग कर उसे बताएं कि उनसे जन्म लेने वाले बच्चों का भी जन्म के साथ ही सिकलसेल की जांच अनिवार्य रूप से कराएं। अगर जन्म लेने वाला बच्चा भी पॉजिटिव आता है तो उसे विशेष खानपान एवं देखभाल की आवश्यकता रहती है। बचपन से ही उसका आयुर्वेद एवं होम्योपैथी में उपचार प्रारंभ किया जाए जिससे कि उसकी बीमारी पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सके।

      प्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उक्त बाते शुक्रवार को महेश्वर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित सिकलसेल से जुड़े अन्य डाक्टरों से कहीं।बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती ज्योति शर्मा उपस्थित थे।

      बैठक के दौरान राज्यपाल ने बताया कि आयुर्वेद में सिकलसेल बीमारी को जड़ से नष्ट करने का उपचार है। अतः क्षेत्र के मरीजों को आयुर्वेद की दवाईयां दी जाकर उनमें बीमारी को खत्म किया जाये। साथ ही हौम्योपैथी में भी सिकलसेल बीमारी का ईलाज है।

        बैठक के दौरान राज्यपाल ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले में सिकलसेल की जांच शासकीय अस्पतालों में तो अनिवार्य रूप से की जाये। उसके साथ ही छात्रावासों, आश्रमों में एवं आंगनवाड़ी में भी बच्चों की सिकलसेल की जांच की जाये। अगर बच्चे पॉजिटिव आते है तो उनके घर पर जाकर उनके माता-पिता का भी टेस्ट किया जाये। इससे यह होगा कि स्क्रीनिंग बढ़ेगी क्यांेकि लोग तो संकोचवश जांच करवाने आते नहीं है। अज्ञानता के अभाव में जनजातीय क्षेत्रों में यह बिना बीमारी बहुत तेजी से पनप रही है। जिले के तीन विकास खंड खरगोन, भगवानपुरा एवं झिरन्या में भी सिकलसेल के अधिक मरीज है। अतः यहां पर जांच को बढ़ाकर लोगों को सिकलसेल के प्रति जागरूक करना होगा।

सिकल सेल के संबंध में ग्राम सभा में दी जाए जानकारी

बैठक के दौरान राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने बताया कि प्रदेश के जनजाति बाहुल्य ग्रामों में पेसा एक्ट लागू है। पेसा एक्ट के ग्राम सभा में भी सिकलसेल बीमारी की जानकारी दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ ग्रामों में पेसा एक्ट के तहत आयोजित ग्राम सभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि ग्राम में शादी करने से पहले लड़का लड़की का कार्ड मेच किया जाएगा। अगर दोनों के येलोकार्ड है तो शादी नहीं की जाए। क्योंकि अगर लड़का और लड़की दोनों पॉजिटिव है तो उनकी संतान भी सिकलसेल पॉजिटिव होगी। अतः सिकलसेल की जागरूकता करके हम प्रदेश के ऐसे ग्राम जहां पर पेसा एक्ट लागू है वहां पर भी इस तरह का प्रस्ताव पास करके सिकलसेल की बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।

चिड़िया अपने बच्चों को पंख देती है, घोसला नहीं मुख्यमंत्री 

युवाओं से संवाद करते हुए दिए टिप्स

खरगोन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवा संवाद कार्यक्रम में कहा कि मप्र शासन में युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार दिया जाएगा। जिस तरह एक चिड़िया अपने बच्चों को पंख देती है घोसला नहीं। उसी तरह शासन युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार देंगे। युवा अगर महेश्वरी उत्पाद या साड़ी बनाना चाहते हैं तो उन्हें इसका भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। मप्र शासन का युवाओं के लिए मंत्र है सीखों और कमाओ, इसके अलावा युवाओं के लिए बम्पर भर्ती निकाली गई है। मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को महेश्वर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती और लाडली बहना महासम्मेलन में शामिल हुए। कार्यक्रम के बाद मंच के पास मुख्यमंत्री चौहान युवा चौपाल व नव मतदाता सम्मेलन को सम्बोधित क़िया। इस दौरान उन्होंने युवा मोर्चा के युवाओं को मप्र शासन की योजनाओं और लाड़ली बहना योजना में बची हुई महिलाओं के ऑनलाइन आवेदन भरने में सहयोग व योजनाओं ले प्रचार करने के सम्बंध में टिप्स दिए। इस दौरान गजेंद्र सिंह पटेल, बड़वाह विधायक सचिन बिरला, पूर्व सांसद सुभाष पटेल, पूर्व विधायक राजकुमार मेव, भूपेंद्र आर्य, राजेन्द्र राठौड़, रविवर्मा, विक्रम पटेल उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में अब वायुयान से भी यात्रा करेंगे श्रद्धालु

श्रद्धालु 21 मई से 19 जुलाई तक करेंगे वायुयान से तीर्थ-यात्राएँ

खरगोन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा के अनुसार प्रदेश के श्रद्धालु अब मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में विभिन्न तीर्थ-स्थलों की यात्राएँ वायुयान से भी कर सकेंगे। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव धार्मिक न्यास और धर्मस्व डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि आगामी 21 मई से 19 जुलाई तक योजना में 25 जिलों के तीर्थ-यात्री वायुयान से यात्रा करेंगे।

एसीएस डॉ. राजौरा ने बताया है कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में प्रदेश के श्रद्धालु प्रयागराज, शिरडी, मथुरा-वृंदावन और गंगासागर की यात्राएँ वायुयान से करेंगे। तीर्थ-यात्राओं के लिये कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया है कि तीर्थ-यात्री नियमित विमान सेवा से तीर्थ-यात्रा करेंगे। प्रत्येक वायुयान में 33 सीट उपलब्ध रहेंगी। प्रत्येक जिले से 32 तीर्थ-यात्री एवं एक अनुरक्षक (एस्कार्ट) के रूप में शासकीय अधिकारी जायेंगे। योजना का क्रियान्वयन इण्डियन रेलवे केटरिंग एण्ड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरटीसी) द्वारा किया जा रहा है। इसलिये आईआरटीसी द्वारा नियत एक टूर मैनेजर भी तीर्थ-यात्रियों के साथ यात्रा करेगा।

एसीएस डॉ. राजौरा ने बताया कि तीर्थ-दर्शन यात्रा के लिये तीर्थ-यात्रियों की आयु 65 वर्ष से अधिक होनी चाहिये और वे आयकर दाता नहीं होना चाहिये। जिले के लिये निर्धारित सीटों से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में लॉटरी से चयन किया जायेगा। अधिक जानकारी के लिये धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचालनालय के दूरभाष नम्बर 0755-2767116 तथा ई-मेल dndvmp@gmail-com] dharmasva-mantralaya@gmail-com पर सम्पर्क किया जा सकता है।

एसीएस डॉ. राजौरा ने बताया है कि 21 मई को भोपाल से प्रयागराज, 23 मई को आगर-मालवा से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 25 मई को बैतूल से वृंदावन वाया भोपाल एयरपोर्ट, 26 मई को देवास से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 3 जून को खण्डवा से गंगासागर वाया इंदौर एयरपोर्ट, 4 जून को हरदा से प्रयागराज वाया भोपाल एयरपोर्ट, 6 जून को मंदसौर से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 8 जून को नर्मदापुरम से मथुरा-वृंदावन वाया भोपाल एयरपोर्ट, 9 जून को नीमच से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 15 जून को बड़वानी से गंगासागर वाया इंदौर एयरपोर्ट, 16 जून को इंदौर से गंगासागर, 18 जून को दमोह से प्रयागराज वाया भोपाल एयरपोर्ट, 19 जून को बुरहानपुर से गंगासागर वाया इंदौर एयरपोर्ट, 19 जून को ही रतलाम से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 20 जून को शाजापुर से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 22 जून को सागर से मथुरा-वृंदावन वाया भोपाल एयरपोर्ट, 23 जून को खरगौन से गंगासागर वाया इंदौर एयरपोर्ट, 23 जून को ही उज्जैन से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 2 जुलाई को विदिशा से प्रयागराज वाया भोपाल एयरपोर्ट, 3 जुलाई को अलीराजपुर से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 4 जुलाई को राजगढ़ से मथुरा-वृंदावन वाया भोपाल एयरपोर्ट, 6 जुलाई को सीहोर से मथुरा-वृंदावन वाया भोपाल एयरपोर्ट, 7 जुलाई को धार से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट, 16 जुलाई को रायसेन से प्रयागराज वाया भोपाल एयरपोर्ट और 19 जुलाई को झाबुआ से शिरडी वाया इंदौर एयरपोर्ट से तीर्थ-यात्री दर्शन के लिये रवाना होंगे। गंगासागर जाने वाले सभी तीर्थ-यात्री वाया कोलकाता एयरपोर्ट पहुँचेंगे।

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