माता के मंदिरों में होंगे विभिन्न अनुष्ठान
खरगोन। आज बुधवार से चैत्र शुक्ल पड़वा चैत्र नवरात्रि का पर्व आरंभ हो रहा है, जो 30 मार्च रामनवमी तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न माता के मंदिरों की रंगाई-पुताई व विद्युज सज्जा से मंदिर भी सज चुके है। प्रतिदिन मंदिरों में सुबह-शाम को माता की आरती कर पाठ का आयोजन होगा। वाघेश्वरी माता मंदिर जगदीश ठक्कर ने बताया कि चैत्र शुक्ल पड़वा इसी तिथि से ब्रह्माजी ने “सृष्टि निर्माण“ प्रारंभ किया था। 2 हजार 80 वर्ष पूर्व “इसी दिन“ सम्राट विक्रमादित्य ने शकों पर विजय प्राप्त की थी और उसे चिरस्थाई बनाने के लिए “विक्रम संवत“ प्रारंभ किया था। गुड़ी पड़वा के दिन “पञ्चाङ्ग श्रवण“ किया जाता है। इसी दिन नीम के कोमल पत्ते, काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, मिश्री और अजवाइन मिलाकर खाना चाहिए। इससे ’रुधिर विकार’ नहीं होता है।
वाघेश्वरी मंदिर में होगा सप्तशती का पाठ
नगर के ब्राह्मणपुरी में स्थित श्री वाघेश्वरी माता मंदिर देवस्थान है। यहां के स्वामित्व पुजारी परिवार के द्वारा वर्षों से वर्ष की चारों नवरात्रि का पर्व बड़ी धुमधाम से मनाया जाता है। मंदिर पुजारी ठक्कर ने बताया कि यहां प्रतिदिन सप्तशती का पाठ एवं हवन के साथ नवरात्रि उत्सव की पूर्णाहुती की जाएगी। प्रतिदिन मां वाघेश्वरी का भव्य श्रृंगार किया जाएगा तथा पूर्णाहुती के पश्चात कन्या भोज कराया जाएगा। पंडित ठक्कर ने कहा कि संकट, विवाह, शत्रु नाश, व्यापार, संतान, शिक्षा, महामारी की मनोकामनाएं के लिए अलग-अलग मंत्रों के साथ में प्राचीन यज्ञ संस्कृति के साथ संपन्न किए जाते है।
कालिका मंदिर में होगी काकड़ आरती
चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व पर कुंदा नदी तट स्थित श्री कालिका माता मंदिर में भी धुमधाम से मनाया जाएगा। पंडित सुशिल अत्रे ने बताया कि नवरात्रि के दौरान प्रातः 8 बजे व रात्रि 9 बजे माता महाकाली की आरती की जाएगी। पंडित अत्रे ने सभी भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में मंदिर में पधारे और मां कालिका के दर्शन कर पूण्य लाभ लेने का आग्रह किया है।
इन मंदिरों में भी मनाई जाएगी चैत्र नवरात्रि
चैत्र नवरात्रि में जमींदार मोहल्ला स्थित श्री हिंग्लाज माता मंदिर, ब्राह्मणपुरी स्थित श्री शीतला माता मंदिर, जवाहर मार्ग स्थित श्री छटी माता मंदिर, सराफा बाजार स्थित श्री बाकी माता मंदिर, कुंदा नदी तट स्थित श्री मोटी माता मंदिर सहित अन्य देवियों के मंदिर में चैत्र नवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा और सुबह-शाम माता की महाआरती की जाएगी।
Comments
Post a Comment