हरी-भरी वाडी में जवारे रुपी माता के दर्शन. पूजन के लिए उमड़े भक्त
चैत्र तीज: पाट बैठी माता, श्रंगारित रथों में भक्तों के घर पहुंची जवारे रुपी माता
खरगोन। लहर लहर लहराये रे मईया तोरे मड के जवारे.....सुधबुध दे मैया शारदा हिरदा की खोल किवाडी...गणगौर गीत . बाडी वाले बाड़ी खोल बाड़ी की किवाडी खोल, जैसे गणगौर भजन और जयकारो के बीच चैत्र नवरात्रि की तीज पर शुक्रवार को हजारों भक्तों ने माता की हरी-भरी वाडी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
शहर सहित समूचे अंचल में चैत्र प्रतिपदा तीज पर माता की बाडियों के पट दर्शनार्थ खुले। 8 दिनों तक सेवा के बाद माता की हरी- भरी वाडी के दर्शन के लिए तड़के 5 बजे से ही श्रद्धालू कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे। पूजन. अर्जन के बाद दोपहर में श्रद्धालु श्रृंगारित रथों में मातारुपी ज्वारे अपने.अपने घर लेकर गए। बाडिय़ों में सुबह से ही गणगौर माता और धणियर राजा के जयकारे गुंजने शुरु हुए जो देरशाम तक गुंजते रहे। सिर पर रथ लेकर बाडिय़ों से निकले माता सेवकों का रास्तेभर श्रद्धालूओं ने पैर धुलाकर स्वागत किया। अगले दो दिनों तक झालरिए के साथ रथों का भ्रमण नगर में होगा। शहर में करीब 50 से अधिक स्थानों पर माता की बाड़ी बोई गई थी, जहां से सैंकड़ो जवारे श्रृंगारित रथों में लेकर श्रद्धालू घर पहुंचे। माता की बाडिय़ों मे बड़ी संख्या में गणगौर के रथों को देखने, दर्शन करने की भीड़ लगी रही। जिन घरो मेें रथ लाए जाते है वहां दिनभर जोड़े जिमाने का दौर चलता रहा। शाम के समय महिलाओ ने घर.आंगन में माता रणुबाई और धणीयर राजा के रथों को रख कर झालरिएं गाए। तीज से शुरू होने वाला यह पर्व तीन दिनों तक लगातार चलता रहेगा है। पंडित रमाकांत ठक्कर
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