परीक्षाओं को लेकर ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर लगाया 10 अप्रैल तक प्रतिबंध
खरगोन। माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा संचालित वर्ष 2023 की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अपर कलेक्टर जेएस बघेल ने जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में 11 फरवरी से आगामी 10 अप्रैल 2023 तक कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र घोषित करने के प्रतिबंधात्मक निर्देश जारी किए हैं। विद्यार्थियों को परीक्षाओं के तैयारी में कोई व्यावधान उत्पन्न न हो इसके लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। आयोजनों एवं शादी विवाह में उपयोग किये जाने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों द्वारा शोर-शराबे निर्धारित मानकों से अधिक ध्वनि उत्पन्न होने से आमजन के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शोर का स्तर 70 डेसीबल से अधिक होने एवं कोलाहलपूर्ण वातावरण के कारण उच्च रक्तचाप, बैचैन, मानसिक तनाव तथा अनिन्द्रा जैसा प्रभाव पड़ता है। शोर का स्तर 85 डेसीबल से अधिक होने पर बहरापन या श्रवणदोष की स्थिती उत्पन्न हो सकती है तथा 90 डेसीबल से अधिक शोर होने पर कान के आंतरिक भाग में क्षति होने के प्रमाण पाये गये है। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 में दी गई अनुसूची में ध्वनि के संबंध में मानक सीमा तय की गई है। ध्वनि की मानक सीमा रहवासी क्षेत्र के लिए 55 डेसीबल निर्धारित की गई है।
कोलाहल प्रतिबंध के ये रहेंगे निर्देश
म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-18 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिलें की राजस्व सीमा अंतर्गत संपूर्ण जिले को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र घोषित करने के निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देशानुसार इस अवधि में कोई भी व्यक्ति, संगठन, ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग इत्यादि सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के बिना किसी भी स्थान या वाहन पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं करेगा। जिले में डीजे यंत्र का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। किसी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, टेलिफोन एक्सचेंज, न्यायालय, शिक्षण संस्थाएं, छात्रावास, शासकीय अर्द्धशासकीय संस्थाओं के कार्यालय, स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालय तथा बैंक परिसर से 100 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किसी भी खुले स्थल या लोक स्थल में टेप रिकॉर्डर या अन्य प्रकार से पूर्व रेकार्ड की हुई संगीत या आवाज को बजाने के लिए नहीं किया जाए। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 तक किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्र या लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग नहीं किया जाए और न ही इस अवधि में उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए। किसी कार्यक्रम विशेष में तीन घंटे से अधिक अवधि के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। अनुमति इस शर्त पर दी जाए कि ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग से इस अधिनियम में परिभाषित कोलाहल उत्पन्न न हो। कोई भी व्यक्ति, संगठन, समूह, राजनैतिक दल इत्यादि को आवश्यकतानुसार प्रतिबंध सहित प्रात 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक मंद ध्वनि के साथ प्रचार-प्रसार की अनुमति प्रदान की जा सकेगी। इस के लिए आवेदक को यथासमय सक्षम प्राधिकारी को संपूर्ण विवरण सहित आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस अधिनियम के प्रयोजन के लिए अधिनियम की धारा 2 (घ) के अंतर्गत जारी करने एवं अन्य कार्य के लिए संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी को विहित प्राधिकारी घोषित किया है।
प्राधिकृत विहित प्राधिकारी अनुमति के लिए आवेदक से सकारण आवेदन प्राप्त होने पर आदेश में उल्लेखित बिन्दुओं तथा अधिनियम, नियमों व प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए सशर्त व प्रतिबंधों सहित अनुमति प्रदान व परिस्थितियों के अनुरूप विनियमित कर सकेंगे। प्रतिबंध शासकीय प्रशासकीय कार्यक्रमों के आयोजन में लागू नहीं होगा। आदेश व अधिनियम, नियम का उल्लंघन करने अथवा अनुमति की निर्धारित अवधि व्यतीत होने के पश्चात् लाउडस्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्र व उपकरण जप्त कर त्रुटिकर्ता के विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत हेड कॉन्स्टेबल व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की बिना अनुमति, उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण व सामग्री अभिगृहित की जाएगी।
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