जलमंदिर में विराजित हाटकेश्वर महादेव के पन्चामृत से अभिषेक के दौरान शिवमय हुआ नन्हेंश्वर धाम

 






भगवानपुरा(राहुल मालवीया)। शनिवार को महर्षि मार्केंडेय ऋषि की तपोभूमि नन्हेंश्वर धाम स्थित साल में एक बार खुलने वाले जलमंदिर में विराजित अतिप्राचीन शिवलिंग श्री हाटकेश्वर भगवान के दर्शन के लिए उमड़ा आस्था का जनसैलाब।  सुबह 5बजे से ही बावड़ी में मोटर लगाकर खाली करने का सिलसिला शुरू हो गया था उसके पश्चात हरिओम बाबाजी ने विधिपूर्वक श्री हाटकेश्वर महादेव की शिवलिंग का पंचाम्रत से अभिषेक किया। यहाँ दर्शन के लिए लम्बी कतारे सुबह से ही लगना शुरू हो गयी थी । इस अवसर पर पुरे नन्हेश्वर धाम को आकर्षक रंग बिरंगी फूलो से सजाया गया लगभग 20हजार से अधिक  श्रद्धालुओं ने हाटकेश्वर भगवान के दर्शन किये। वही पूज्य श्री हरिओम बाबाजी के सान्निध्य में व जनसहयोग से विशाल भण्डारे का आयोजन हुआ  जिसमें शिव भक्तों ने सब्जी पूरी की  महाप्रसादी ग्रहण की ।भंडारे की व्यवस्था ग्राम भग्यापुर बाड़ी बिस्टान और भगवानपुरा के ग्रामीणों ने संभाली ।आयोजन में आसपास सहित दुर दराजों से श्रद्धालु  दर्शन के लिए पहुँचे । शाम 7बजे जलमन्दिर के पट बन्द कर दिए वहीँ शाम तक दर्शन का दौर चला। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी पूरे समय व्यवस्था में मुस्तेद रहा । इस मंदिर के रोचक तथ्य है कि यह वर्षभर जलमग्न रहती है बावड़ी में सात फिट पानी एक नियत स्थान तक बना रहा है न घटता है और न ही बढ़ता है। इसके दर्शन के लिए राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात अन्य राज्यों से भी शिवभक्त आते है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जल में विराजित शिवलिंग के दर्शन करने का विशेष महत्व माना गया है।

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