खरगोन बिस्‍टान रोड स्थित एटीएम में तोडफोड करने वाले आरोपी को 03 वर्ष 06 माह की जेल






खरगोन। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रमेश जाट ने बताया कि फायनेंशियल साफ्टवेअर एण्ड सिस्टम प्रा.लि. कंपनी में बिजनेस चैम्पियन के पद पदस्‍थ  मेहमूद को दिनांक 18 जनवरी 2021 को रात करीब  एक बजे सूचना मिली कि भारतीय स्टेट बैंक ए.टी.एम. गोपाल होटल के सामने बिस्टान रोड खरगोन में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा तोडफोड की है, तब फरियादी ने ए.टी.एम. मशीन को जाकर चेक किया तो ए.टी.एम. मशीन का उपरी हिस्सा (स्कीन वाला हिस्सा) खुला हुआ था व रूम में लगी ट्युबलाईट, ए.टी.एम. का ओपन लक टुटा हुआ था, इस प्रकार किसी अज्ञात बदमाश द्वारा रात्रि में ए.टी.एम. मशीन में तोड़-फोड कर नुकसान पहुंचा कर ए.टी.एम. मशीन का बोल्ट लक तोड कर चुरा कर ले गया है। फरियादी मेहमूद की रिपोर्ट पर थाना खरगोन पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना में आरोपी धनसिंग पिता भारतसिंग डावर ग्राम दाउतखेडी गोगावां के द्वारा उक्‍त एटीएम में तोडफोड कर बोल्ट लक चुराना पाया गया। संपूर्ण अनुसंधान पश्‍चात अभियोग पत्र न्यायालय खरगोन में प्रस्तुत किया गया जहां मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट खरगोन द्वारा आरोपी धनसिंह को धारा 457 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000/- रू० के अर्थदण्ड, धारा-511 भादवि में 3 वर्ष 6 माह के सश्रम कारावास व 1000/- रू० के अर्थदण्ड एवं धारा-3 लोक संपत्ति निवारण अधिनियम के आरोप में 3 वर्ष के कारावास व 1000 /- रू० के अर्थदण्ड से दण्डित किया किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी खरगोन रमेश जाट द्वारा की गई।


नौकरी के नाम पर नवयुवकों से धन एठने वाले शातिर को कठोर कारावास

खरगोन। पुलिस थाना खरगोन अंतर्गत दिनांक 1 मार्च 2018 से दिनांक 28 अक्टूबर 2018 के मध्य अभियुक्त मनीष उर्फ सिद्धांत पिता मोहनलाल खांडे आयु 27 वर्ष निवासी नाग मंदिर दामखेड़ा कॉलोनी थाना मेनगांव ने स्वयं को म. प्र. प. क्षे. वि. वि. कंपनी लिमिटेड खरगोन का अधिकारी बताकर ठगी की वारदात की। अभियुक्त मनीष ने फरियादी मुबारिक खान, मोईन खान, तरुण, विजय एवं रोशन को म. प्र. प. क्षे. वि. वि. कंपनी लिमिटेड खरगोन में नौकरी लगाने के लिए इन पांचों फरियादियों के साथ छल करते हुए कूटरचित नियुक्ती पत्र देने के लिए प्रवंचित कर इन सभी से बेईमानी से धन प्राप्त कर नियुक्ति पत्र दिए। जिस पर अभियुक्त ने सहायक यंत्री म. प्र. प. क्षे. वि. वि. कंपनी लिमिटेड खरगोन की पदमुद्रा अंकित कर मिथ्या हस्ताक्षर किए। साथ ही पीड़ित मुबारिक की धनराशि लौटाने के लिए दिनेश सागोरे नामक व्यक्ति के चेक पर कूटरचित हस्ताक्षर किए। इस प्रकार अभियुक्त मनीष द्वारा नियुक्ति पत्र और चेक पर कूट रचित हस्ताक्षर कर, बेईमानी से असल के रूप में उपयोग किया था। इस मामले के संचालनकर्ता अतिरिक्त लोक अभियोजक राजकुमार अत्रे ने बताया कि पुलिस थाना खरगोन के तत्कालीन थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने इस अपराध की विवेचना की। अभियुक्त मनीष के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। इस अपराध में सभी पांचों फरियादियों, म. प्र. प. क्षे. वि. वि. कंपनी लिमिटेड खरगोन के साक्षियों ने दिनेश सागोरे एवं विवेचक के साथ-साथ हस्ताक्षर जांचकर्ता की रिपोर्ट के आधार पर अभियोजन ने अपनी साक्ष्य से इस मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया। विद्वान न्यायाधीश जीसी मिश्रा साहब ने परिणामस्वरूप प्रत्येक फरियादी के प्रति किए गए अपराध में अभियुक्त मनीष को दोषी माना। अभियुक्त मनीष को अलग-अलग धाराओं में दोषी ठहराया है। अभियुक्त मनीष को धारा 420 भा.द.सं. (पांच बार) में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 80 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 467 भा.द.सं. में पांच वर्ष एवं शेष के लिए तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदंड, धारा 468 भा.द.सं. में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदंड तथा धारा 471 भा.द.सं. में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदंड का दंडादेश पारित कर अभियुक्त को तत्काल जेल भिजवाया गया। सभी सजाएं एक साथ भुगताई जाने का आदेश दिया है। अभियुक्त की ओर से अर्थदंड की राशि जमा होने पर प्रत्येक फरियादी को अधिनिर्णय मे घोषित अनुसार राशि क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी।

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