किसानों व आम नागरिकों से जुड़े बिंदुओं पर राजस्व विभाग की बैठक सम्पन्न
एक सप्ताह में 1517 पट्टे वितरण की कार्यवाही पूरी करेंगे तहसीलदार
65 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए जारी होगी अधिसूचना
टीएल बैठक में राजस्व अधिकारियों को दिए निर्देशो की आरओ बैठक में कलेक्टर ने की समीक्षा
खरगोन । मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजनान्तर्गत एक सप्ताह में 1517 पात्र व्यक्तियों के पट्टे बनाने की कार्यवाही पूरी की जाएगी। योजना के प्रथम फेज में 1517 आवेदन पात्र पाए गए है। इन पात्र व्यक्तियों को पट्टे देने के लिए शनिवार को कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में हुई राजस्व अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए गए है। कलेक्टर श्री कुमार ने कहा कि सभी तहसीलदार प्रारूप ग की कार्यवाही जल्द पूर्ण कर वितरण की कार्यवाही भी पूरी करें। राजस्व अधिकारियों की बैठक में 65 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के सम्बंध में भी समीक्षा की गई। भू-अभिलेख अधीक्षक श्री पवन वास्केल ने बताया कि गत गुरुवार को इस संबंध में बैठक कर कार्यवाही की गई है। अब सिर्फ 65 गांवों की अधिसूचना जारी होना है। इन गांवों की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी। इसमें भगवानपुरा के 23, झिरन्या के 35, और बड़वाह के 7 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना है। बैठक में राजस्व विभाग के 15 बिंदुओं के अतिरिक्त किसानों और आम नागरिकों से संबंधित विषयों की भी समीक्षा की गई।
स्वामित्व योजना में 57 गांवों का अंतिम प्रकाशन शेष
समीक्षा बैठक में स्वामित्व योजना की भी समीक्षा की गई। इन योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को स्वामित्व के अधिकार अभिलेख प्रदान किये जाने है। इसमें 867 गांवों में ड्रोन उड़ाया गया था। इसके बाद संबंधितों द्वारा कार्यवाही के बाद अब तक 714 गांवों का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है। शेष 57 गांवों के अंतिम प्रकाशन कराने के लिए कलेक्टर श्री कुमार ने कसरावद, सनावद और लंबित तहसीलों के तहसीलदारों को जल्द प्रक्रिया पूर्ण कराने के निर्देश दिए है। इसी तरह नगरीय भू-अधिकार योजना में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। बैठक में आरसीएमएस के 129 लंबित प्रकरणों पर अपर कलेक्टर श्री केके मालवीया द्वारा भी की जाएगी। वे एक-एक प्रकरण समीक्षा करेंगे।
खाद वितरण में लापरवाही बर्दास्त नही होगी
राजस्व अधिकारियों से कलेक्टर श्री कुमार ने कहा कि खाद की पर्याप्त मात्रा है। अभी वितरण व्यवस्थाओं पर फोकस करें। साथ ही निर्धारित दर पर ही खाद वितरित हो इस का भी ध्यान रखे। कही से भी खाद के सम्बंध में सूचना मिले राजस्व अधिकारी तुरंत स्थानों पर पहुँचे।
बैठक में इन विषयों पर भी की गई समीक्षा
बैठक के दौरान कलेक्टर श्री कुमार ने राजस्व वसूली, सीएम हेल्पलाईन,ई-केवाईसी, नक्शा शुद्धिकरण, लेंड रिकार्ड लिंकिंग और महेश्वर में आयोजित होने वाले राट्रीय खेल के सम्बंध में भी एसडीएम को निर्देशित किया गया है।
नेशनल लोक अदालत में 805 प्रकरणों का हुआ निराकरण
प्रकरणों में 1 करोड 69 लाख 9901 रूपये के आवार्ड किए पारित
खरगोन। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मण्डलेश्वर श्री डीके नागले के मार्गदर्शन में शनिवार को सिविल न्यायालय खरगोन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ प्रथम जिला न्यायाधीश एवं तहसील विधिक सेवा समिति अध्यक्ष श्री जीसी मिश्रा ने अन्य न्यायाधीशगण के साथ दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायाधीश श्री जीसी मिश्रा अन्य विभागों से उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों व पक्षकारगण से अधिक से अधिक प्रकरणों का नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के माध्यम से निराकरण कर नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग करने के लिउ आव्ह्ान किया गया। नेशनल लोक अदालत में तहसील न्यायालय खरगोन अंतर्गत कुल 07 खण्डपीठों द्वारा न्यायालयीन लंबित मामलों में से आपराधिक शमनीय 34 प्रकरण, पराक्राम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के 13 प्रकरण, मोेटर दुर्घटना दावा क्षतिपूर्ति 06 प्रकरण, वैवाहिक 12 प्रकरण, श्रम विवाद 13 प्रकरण, विद्युत बिल 40 प्रकरण, अन्य दिवानी 30 प्रकरण व अन्य 03 प्रकरण तथा प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) मामलों में बैंक रिकवरी 35 प्रकरण, विद्युत बिल 26 प्रकरण, जल कर व संपत्ति कर 566 प्रकरण व अन्य 27 प्रकरणों का निराकरण किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में न्यायालय में पदस्थ समस्त न्यायाधीशगण, एस.डी.एम. श्री ओमनाराण बडकुल, एस.डी.ओ.पी. श्री राकेश मोहन शुक्ला, लीड बैंक मैनेजर श्री संदीप मुरूडकर, कार्यपालन यंत्री विद्युत विभाग श्री श्रीकांत बारस्कर, नगरपालिका से श्री महेश वर्मा एवं न्यायालय, विद्युत विभाग, नगर पालिका, बैंक, बी.एस.एन.एल. विभाग के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 151 प्रकरणों का निराकरण कर 13002858 रूपये की राशि एवं प्रीलिटिगेशन के 654 प्रकरणों में 3917043 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार कुल 805 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 16919901 रूपये की राशि अवार्ड पारित किया गया है।
पारिवारिक कलह से अलग हुए पति-पत्नी फिर हुए एक
नेशनल लोक अदालत में पारिवारिक कलह के कारण अलग-अलग हुए पति-पत्नी का फिर से मिलन हो गया। पति-पत्नी लगभग छह माह से एक-दूसरे से अलग रह रहे थे। न्यायालय द्वारा कराए गए समझौते से दोनों फिर साथ रहने को राजी हो गए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती पदमा राजौरे तिवारी ने बताया कि ग्राम डालका की महिला ने करीब 6 माह पहले अपने पति पर मारपीट का मामला दर्ज कराया था। इनके बीच एक शादी समारोह के दौरान विवाद हुआ था। जिससे नाराज होकर महिला रिश्तेदारों के यहां रहने चली गई थी। जब पति लेने पहुचा तो महिला के आनाकानी करने पर पिटाई कर दी। यह मामला न्यायालय पहुचने पर दोनों को समझाइश देकर सुलह कराई है। अब दोनों साथ रहने पर सहमत हो गए और राजीनामा कर खुशी खुशी घर लौटे।
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