एबीवीपी खरगोन द्वारा जनजाति गौरव दिवस भगवान बिरसा मुंडा की जयंती भव्य रूप से मनाई गई
जिसने अपनी संस्कृति, परंपरा, रीति रिवाज, पूजा पद्धति छोड़ कर अन्य पंथ को अपना लिया ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए - निलेश सोलंकी
टंट्या मामा, बिरसा मुंडा अपनी संस्कृति, रीति रिवाज, पूजा पद्धति का रक्षण किया है अंग्रेजो के प्रलोभन में आकर मतांतरित नहीं हुएं- निलेश सोलंकी
खरगोन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जनजाति गौरव दिवस के उपलक्ष्य में आज खरगोन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनजाति गौरव दिवस के कार्यक्रम में अभाविप मालवा प्रांत के संगठन मंत्री श्री निलेश सोलंकी ने उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो मान - सम्मान जनजाति समाज को स्वतन्त्रता के पश्चात मिलना था वो 75 वर्ष बाद देश के नायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश के प्रधानमंत्री जी ने जनजाति गौरव दिवस घोषित कर जनजातीय समाज के शहीद वीरो को सम्मान दिया।
आज पुरे देश का समाज गौरावित महसूस कर रहा है। जो सम्मान स्वाधीनता के पश्चात मिल जाना था वह सम्मान कांग्रेस ने कभी नहीं दिया सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने का काम किया है।
सोलंकी ने आगे कहा कि जनजाति समाज यह स्वाभिमानी समाज है, यह समाज गरीब, शोषित, लाचार, पिछड़ा नहीं था यह समाज देश का राजा हुआ करता था, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, राजा शंकर शाह, राजा रघुनाथ शाह ये सभी जानजाति महापुरुष थे ये राजा थे किंतु मुगल और अंग्रेज के आक्रमण काल में हमें लूटा गया और गरीब, पिछड़ा हमें प्रस्तुत किया।
मुगल और अंग्रेजो ने ये हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा, हमारे धर्म पर प्रहार किया है और नष्ट करने का काम किया लेकिन जनजाति समाज ने डटकर मुकाबला किया और धर्म संस्कृति का रक्षण किया।
सोलंकी ने कहा कि जिसने अपनी संस्कृति, परंपरा, रीति रिवाज, पूजा पद्धति छोड़ कर अन्य पंथ को अपना लिया ऐसे लोगों को डीलिस्टिंग करना जरूरी है। जो लोग अपनी संस्कृति, परंपरा का संरक्षक हैं वही आरक्षण के हकदार हैं।
टंट्या मामा, बिरसा मुंडा अपनी संस्कृति, रीति रिवाज, पूजा पद्धति का रक्षण किया है अंग्रेजो के प्रलोभन में आकर मतांतरित नहीं हुएं आज कुछ समाज के लोग प्रलोभन में आकर मतांतरित हो रहे है उन्हें हमारे पूर्वज से सीखना होगा।
जनजाति समाज सनातनी हिंदू है, जो जनजाति समाज के पास धनुष बाण हैं वह भगवान श्री राम के पास है, जो जनजाति समाज विभिन्न त्यौहार में ढाक ( डमरू) बजाकर नाचते हैं वह डमरू भोले नाथ के पास है, और जो बासूरी भागोरिया में बजाकर नाचते हैं वह बासुरी श्री कृष्ण के पास है इसलिए गर्व से कहो हम सनातनी हिंदू हैं।
षडयंत्रकारी कितना भी षडयंत्र करले, चाहें जितना भी प्रलोभन दे, कितना ही तोड़ने के लिए समाज को गुमराह करें लेकिन इनका उदेश्य कभी सफल नहीं होगा, हम एक थे, एक है और एक रहेंगे हमें कोई अलग नही कर सकता। हम जोड़ने वाले है तोड़ने वाले नहीं।
हमारे पूर्वज भगवान राम, भगवान शिव, भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, रानी दुर्गावती है हम इनके वंशज हैं, हमारे पूर्वज राक्षस महिषासुर नहीं हैं। जो राक्षस महिषासुर को अपना पूर्वज मानते वे सच्चे जनजाति नहीं हैं वे अंग्रेजों की ओलाद है।
भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजो के खिलाफ उलगुलाल किया था उन्हीं की प्रेरणा लेकर अभी वर्तमान में हमें ईसाईयत वह अंग्रेजो की पैरवी करने वालों के खिलाफ उलगुलाल करना होगा।
कार्यक्रम में खंडवा-खरगोन विभाग संगठन मंत्री रोहित दुबे जी,शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरगोन जनभागीदारी समिति अध्यक्ष दीपक कानूनगो जी,जिला संयोजक आकाश राठौड़ जी, नगर अध्यक्ष गीता निखोरिया जी, नगर मंत्री निर्मल चौहान जी, जिला जनजाति प्रमुख साक्षी खोड़े जी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र छात्रा एवं समाज जन सम्मिलित हुए।
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