खनिज अधिकारी की लापरवाही से शासन को लाखों रुपए राजस्व की हानि
खरगोन (श्याम मेवाडे)। खनिज अधिकारी अपनी गलतियों को छुपाने के लिए रोज नए नए दाव पेतरे अजमा रहे है । पहले सरकार को 12 करोड़ का नुकसान पहुंचाया अब कोर्ट में जल्द जजमेंट करने का कह रहे है हवाला सरकार को नुकसानी देकर दुवाही दे रहे है ।
मामला वर्ष 2022 में डिजाइन ग्रुप को दिए रेत ठेका की खुलती परते,हुआ यूं कि खनिज अधिकारी ने नवीन रेत टेंडर जारी किए जिसका ठेका 12 करोड़ रुपए में प्रस्तावित हुआ डीजयाना ग्रुप ने 6करोड़ के लगभग की राशि जमा कराई लेकिन सरकार के फरमान के आगे खनिज अधिकारी अपनी लापरवाही को दिखा नहीं पाए और गलतियों को छुपाने के लिए वर्ष 2022 में रेत टेंडर नीलामी कर दी जिसका एग्रीमेंट 15 जून से 30 तारीख तक किया जाना था जो की डीजायना ग्रुप ने नही किया क्यों की 1 जुलाई से नेशनल ग्रीन टीयुबनल ngt द्वारा रोक माह अगस्त तक रोक लगाई जाती है ।
हम आपको बता दे की खनिज विभाग ने आर के गुप्ता कंट्रकशन ने वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक रेत का ठेका लिया था जो की वर्ष 2021 दिसंबर तक रहा सरकार ने ठेका निरस्त कर दिया 12 करोड़ की रिकवरी निकली । रेत ठेका इस दौरान कोरोनाकाल जैसे महा बीमारी से कई घर तबाह हो गए हर व्यक्ति घरों में बंद रहा जिसकी दहशत से आज भी आम आदमी हिल जाता है वर्ष 2020 में पहला लाक डाउन 21 दिनों के लिए लगा फिर 2021 में आन लाक डाउन लगा रहा। इस दरमियान सबके कामकाज नहीं चले सरकार भी जानती है ।
आर के गुप्ता कानट्रेक्टर ने आरोप लगाए की खनिज विभाग एक वचन पत्र भी ठेकेदारों से भरवाती है जिसमे उल्लेख खनिज की खदानों का हवाला होता किंतु विभाग गुमराह करता है जिले की लगभग 25 से 28 रेत खदानों की जानकारी बिना पटवारी ,खनिज अधिकारी , राजस्व अधिकारी के नही रहते आम आदमी को क्या पता की कोन सा रकबा किस स्थान पर है हम ठेकेदारों को क्या पता कहा क्या रकबा है खनिज विभाग पूरी रिपोर्ट तैयार करता है लेकिन गलत जानकारियां देकर सरकार ठेकेदार को गुमराह किया ।
वर्ष 2022 के डीजायना ग्रुप को ठेका अनुबंध नही होना 6करोड़ रुपए जमा करने के बाद भी विचार करने की बात है खनिज अधिकारी सावन चौहान का कहना है कि टेंडर नीलामी के बाद एग्रीमेंट के लिए पांच दिवस के अंतराल में कराने के लिए विभाग ने लिखा नही एग्रीमेंट किया तो हमारे द्वारा निरस्त कर दिया गया ठेकेदार ने कहा था कि एक भी खदान की अनुमति सीसा, पॉलिशियन बोर्ड की अनुमति मिल जाती है तो रेत उत्खनन शुरू कर देंगे इसके बाद भी ठेकेदार कोर्ट चला गया ।
खनिज अधिकारी सावन चौहान की बातो से प्रतीत होता है की वह पूर्व में अपनी गलतियां छिपाने के कोशिश कर रहे है आज खनिज अधिकारी कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता के द्वारा जल्द निराकरण करने का हवाला दे रहे है उनके द्वारा जवाब पेश किया गया स्टे को निरस्त किया जाए या सबंधित ठेकेदार को एग्रीमेंट कर राशि जमा कर ठेका संचालित किया जाए सरकार को नुकसान पहुंच रहा है ।
खनिज विभाग के अधिकारी की कार गुजरिया उजागर कर रहा जिला प्रशासन के मुखिया कुमार पुरषोत्तम को जांच टीम बनाकर सच्चाई से रूबरू होना चाहिए आखिर किसकी गलतियों से सरकार सहित आम आदमी परेशानियां उठा रहे है ।
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