सामाजिक समरसता एवं समाज परिवर्तन की दिशा में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की जीत देश में नया आयाम स्‍थापित करेगी

 


सर्वप्रथम खरगोन-बड़वानी लोकसभा क्षेत्र की समस्‍त भाई-बहनों, बेटे-बेटियों, दादा-दादी, काका-काकी, मामा-मामी की ओर से महामहिम राष्‍ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को देश के प्रथम नागरिक के रूप में निर्वाचित होने पर वंदन करता हूं, अभिनंदन करता हू एवं शुभकामनऐं प्रेषित करता हॅू । 

भारत के गणतंत्र में राष्‍ट्रपति पद के लिये श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की जीत एक आम आदमी की जीत है । यह जीत सम्‍पूर्ण नारी-सम्‍मान के प्रतिक की जीत है ।

युगाब्‍ध ५१२४ यह कलयुग की गणना है । सतयुग हो, त्रेतायुग हो या द्वापर युग हो, भारत की सनातन संस्‍कृति हमारी मातृ-शक्ति के प्रति सदैव नतमस्‍तक रही है । चाहे वह मॉं के नौ रूपों में पूजा अर्चना हो, हम हमारी बेटियों को बाल्‍यकाल से ही शक्ति के स्‍वरूप में पूजन करते आए है । वर्तमान में ऐसी ही शक्तिस्‍वरूपा बेटी आज भारत के गणतंत्र के प्रथम व्‍यक्ति के रूप में निर्वाचित होकर देश की अनुसूचित जनजाति वर्ग से प्रथम महिला राष्‍ट्रपति के पद पर सुशोभित हुई है यह सम्‍पूर्ण जनजातीय समाज के लिये गौरवान्वित होने का क्षण है । भारतीय जनता पार्टी के संगठन, वैचारिक, समरस समाज, दुरस्‍थ रहने वाले, पहाड़ो में रहने वाले अंतिम व्‍यक्ति तक कार्य करने की विचारधारा को सुत्रपात कराने वाली भारतीय जनता पार्टी व एनडीए की जीत है।

देश की वर्तमान राजनीति में अनेकों पार्टीयां वंशवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद में देश को बांटते हुए दिख रही है । राष्‍ट्रीय विचारधारा एवं समरस भाव भारतीय जनता पार्टी के प्रत्‍येक कार्यकर्ता में स्‍पष्‍ट प्रतीत होता है ।  

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने ओडिशा के सुदूर आदिवासी क्षेत्र रायंगपुर में एक शिक्षिका के रूप में अपने जीवन की शुरूआत की थी, बाद में कनिष्‍ठ सहायक के रूप में उनकी राज्‍य सिंचाई विभाग में भर्ती हुई । उन्‍होनें पुरे मनोयोग से अपने कर्तव्‍यों का निर्वहन किया । दो बार विधायक के रूप में निर्वाचित हुई । 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा 147 विधायकों में सर्वश्रेष्‍ठ विधायक के लिये निलकंठ पुरस्‍कार से भी सम्‍मानित किया गया । मंत्री के रूप में वाणिज्‍य, परिवहन, मत्‍स्‍य पालन एवं पशु संसाधन जैसे महत्‍वपूर्ण विभागों के दायित्‍वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया । उनका कार्यकाल विकासोन्‍मुखी, निष्‍कलंक, भ्रष्‍टाचारमुक्‍त रहा । 2015 में उन्‍होंने झारखंड की राज्‍यपाल के रूप में शपथ ली । वो किसी भी राज्‍य के राज्‍यपाल के रूप में नियुक्‍त होने वाली ओडि़शा की पहली आदिवासी एवं महिला नेता रही है । राज्‍यपाल के रूप में उनका 6 वर्ष का कार्यकाल झारखंड के इतिहास में सबसे लंबा रहा है । झारखंड सरकार के साथ जन-जीवन की आकांक्षाओं को विकास के पथ पर बढ़ाने के लिये कार्य किया । 

आज भारत के प्रथम व्‍यक्ति के रूप में एक आदिवासी समाज की बेटी को सर्वोच्‍च स्‍थान पर निर्वाचित होने के लिये मैं सम्‍पूर्ण जनजातीय बाहुल्‍य समाज की ओर से इस सनातन संस्‍कृति को, सामाजिक समरसता के मूल्‍यों को, हमारी पूर्वजों के आदर्शो को नतमस्‍तक होकर प्रणाम करता हूं। 

वंशवाद रीति-रिवाजों, जात-पात में भेद करने वाले विचारों को जो देश की सामाजिक शक्ति को तोड़ने एवं चुनौती देने का कार्य कर रहे है उनसे आज कहना चाहता हॅू कि भेदभाव रहित, जात-पात के समीकरण से दूर, महामहिम राष्‍ट्रपति महोदया की जीत अंतिम व्‍यक्ति की जीत है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी के दूर दृष्टिकोण व पार्टी अध्‍यक्ष श्री जे. पी. नड्डा जी के कुशल नेतृत्‍व, भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की जीत है ।

 

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