योजना का अपात्रों को लाभ दिलाने और अवैध वसूली में एक शिक्षक और एक सचिव लिप्त



7 से अधिक लोगों पर हो सकती है एफआईआर, एक-एक शिक्षक और सचिव को किया निलंबित

सीएम हेल्पलाईन पर प्राप्त शिकायत पर कलेक्टर ने गठित किया था दल

खरगोन। मई माह के आखरी दिन सीएम हेल्पलाईन पर शासकीय योजना में अपात्रों को पात्र बताकर लाभ दिलाने और अवैध वसूली की शिकायत प्राप्त हुई थी। सीएम हेल्पलाईन और व्यक्तिगत रूप से फोन पर तथा मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के बाद कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने डिप्टी कलेक्टर श्री ओमनारायण सिंह और नगर पालिका सीएमओ श्रीमती प्रियंका पटेल को संयुक्त रूप से जांच सौंपी। समिति बनाने के बाद पीड़ित लोगों की सुविधा के लिए समिति ने नम्बर जारी किए। जारी किए गए नम्बरों पर पीड़ितों ने अपनी-अपनी समस्याएं बतलाई। साथ ही कई पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए गए। जांच के बाद जिन्होने अपात्र लोगों को पात्र बताकर योजना का लाभ दिलाया गया और अवैध वसूली की गई। उन पर कार्यवाही की गई है। प्राथमिक तौर पर जांच में लिप्त पाए गए शा. हाईस्कूल कदवाली के शिक्षक श्री रोहित मनाग्रे और माण्डवखेड़ा के सचिव श्री मालसिंह बर्डे को निलंबित किया गया है।

12 दिनों तक कि गई गहन जांच

समिति के सदस्य और डिप्टी कलेक्टर श्री ओमनारायण सिंह ने बताया कि 31 मई के बाद कई पीड़िताओं के बयान लिए गए हैं। साथ ही कई ऐसे पीड़ित हैं जिन्होंने सिर्फ फोन पर ही अपनी-अपनी शिकायत दर्ज कराई है। इनके अलावा कई पीड़ितों ने कार्यालय आकर बयान दर्ज कराए है। उनमें भगवानपुरा जनपद के दामखेड़ा के वर जगदीश अवासे ने अपने बयान में कहा कि 16 मई को गलतार में हुए सामूहिक विवाह में उनकी शादी रजनी बर्डे से हुई। लेकिन माण्डवखेड़ा के सचिव मालसिंह बर्डे द्वारा निशुल्क विवाह होने के बावजूद वर जगदीश और वधू रजनी से 5100-5100 रुपये विवाह खर्च के नाम पर लिए गए। इसी तरह आयोजन में अन्य जोड़े देवेंद्र मंडलोई व सुषमा जमरे से सचिव मालसिंह बर्डे ने 10200 रुपये लेने के बयान समिति कोे दिये। इनके अलावा नांदिया झिरन्या के राहुल रंधावे ने अपने बयान में कहा कि 16 मई को ही हुए विवाह आयोजन में सम्मिलित होने के लिए भिलाला समाज के अध्यक्ष विश्राम डोडवे ने 10200 रुपये विवाह में खर्चे के नाम पर लिए गए।

     गहन जांच में कई पीड़ितों के बयान लिए गए। इसमें भगवानपुरा जनपद के कदवाली के आशाराम व संगीता बिलरसिंह ने बयान में बताया कि शिक्षक रोहित मनाग्रे ने विवाह का फार्म लेकर नगर पालिका खरगोन में जमा कराया गया। शिक्षक श्री मनाग्रे ने रुपये तो नहीं लिए लेकिन आने-जाने में 3000-4000 हजार रुपये खर्च होना बताया गया। योजना में अपात्रों को लाभ दिलाने और वसूली के मामले की शुरुआत जिस सीएम हेल्पलाईन से हुई है।  उस मामले के पीड़ित पंधानिया के विजय राणे ने बयान में कहा कि खरगोन की कपास मंडी में हुए विवाह में विजय कोचले द्वारा 5000 हजार रुपये मांगे गये। इसी बात की सीएम हेल्पलाईन पर शिकायत भी हुई।

इनके अलावा दामखेड़ा के दीपक जाधव ने गलतार के ही आयोजन में बलवंत डावर द्वारा 10200 रुपये लेने के बयान दिए। इसी तरह बड़वाह में आयोजित सामूहिक विवाह के संबंध में गजराजसिंह चौहान ने कहा कि भिलाला आदिवासी समिति के अध्यक्ष श्री महिम ठाकुर द्वारा 11 हजार रुपये जमा करवाये। साथ ही श्री चौहान ने कहा कि इनका पोस्टरों में अध्यक्ष दर्शाकर भ्रमित किया गया। श्री ठाकुर के संबंध में रिटायर समन्वयक अधिकारी श्री अनारसिंह सोलंकी द्वारा कहा गया कि बड़वाह समिति के अध्यक्ष श्री ठाकुर है। उनके द्वारा 30 जोड़ों का विवाह में 11000-11000 हजार रुपये दोनों पक्षों से लिये गए। ऐसे कई पीड़ित है जिन्होंने बयान दर्ज कराए है। बयान दर्ज करवाने वालों में सुनील बड़ोले के साथ ही अन्य शामिल हैं।

इन पर एफआईआर हो सकती है

जांचकर्ता अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरगोन एसपी साहब के समक्ष मामले रखें गए हैं। संभवतः आज एफआईआर हो सकती है। एफआईआर खरगोन थाने में ही संभव है। डिप्टी कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि दोनों को निलंबित किया गया है। साथ ही इनके अलावा विजय कोचले, विश्राम डुडवे, बलवंत डावर, महिम ठाकुर, पीसीओ नरेन्द्र बड़ोले, श्यामलाल उपाध्याय चंदावड़ व अन्य लोगों पर अवैध वसूली व धमकाने जैसे तथ्यों व बयानों के आधार पर एफआईआर की जाएगी। जांच आगे भी जारी रहेगी।

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