बालक से गलत काम करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास एवं 5000/- अर्थदण्ड की सजा
विदिशा। (सिरोंज) माननीय न्यायालय श्रीमान अमजद अली अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय सिरोंज द्वारा बालक के साथ गलत काम करने वाले आरोपी को धारा 377 भादवि में 20 वर्ष का कठोर कारावास व 2000/- का अर्थदण्ड एवं 3 सहपठित धारा 4 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 3000/- के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण में पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मनीष वर्मा द्वारा की गई।
अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि, दिनांक 05.03.2021 की सुबह 8 बजे की बात है पीड़ित बालक की मां घर पर थी तथा उसका बड़ा बेटा पीड़ित बालक उम्र 12 साल जो कि, मानसिक कमजोर है, मोहल्ले में खेल रहा था, जब वह बहुत देर तक वापस नहीं आया तो वह उसे गॉव में ढूढने गई तब गॉव वालो ने उसे बताया कि अभियुक्त पीड़ित बालक को गॉव के पास वाले खेत की तरफ ले गया है वह पीड़ित बालक को ढूढ़ने के लिए अभियुक्त के खेत पर गई तो देखा कि आरोपी अपनी पेंट पहन रहा था तथा पीड़ित बालक के शौच की जगह से खून निकल रहा था तथा वह रो रहा था। अभियुक्त उसे देखकर भाग गया। मां ने अपने पुत्र से पूछा तो बालक ने आरोपी द्वारा उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करना बताया। फिर बालक की मां ने घर आकर उक्त बात अपनी सास एवं नंदोई को बताई तथा थाना सिरांेज में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख बद्ध कराई। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
मारपीट करने वाले आरोपीगणों को न्यायालय ने सुनाया न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 1200/- अर्थदण्ड की सजा
विदिषा। न्यायालय प्रथा श्रीवास्तव न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विदिषा द्वारा मारपीट करने वाले आरोपीगणों 1. दिलीप सिंह 2. धर्मराज 3. राजकुमार 4. राजेष 5. विनोद 6. महेन्द्रसिंह 7. मनोज 8. अरविंद निवासीगण- करैया हाट जिला विदिषा को न्यायालय द्वारा धारा 147 भादसं. में न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 323/149 में न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 700 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। उपरोक्त प्रकरण में पैरवी श्रीमती किरण कापसे द्वारा की गई।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, अभियोगी पवन ग्राम करैया हाट में रहता है। दिनांक 08.04.2013 को सुबह 8 बजे ज बवह अपने मवेषी लेकर खेत पर जा रहा था एवं पीछे से उसका भाई सुनील भी आ रहा था। पवन और सुनील के मवेषी दिलीप सिंह के खेत में घुस गये। दिलीप सिंह बोला कि मेरी खड़ी फसल में से ढोर क्यों निकाल रहे हो? तब इस बात को लेकर वाद-विवाद होने लग गया। इतने में वहां महेन्द्र भी आ गया और मॉ-बहिन की गंदी-गंदी गालियॉ देने लगा। राजेष, अरविन्द, राजकुमार भी आ गये और पवन को लट्ठ व पचा से मारने लगे। मनोज, धर्म और विनोद भी आ गये और पवन के साथ लात-घूॅसों व लट्ठ से मारपीट करने लगे। जिससे उसे सिर में चोट होकर खून निकलने लगा। पवन के दांहिने पैर, बांये पैर के घुटने, कमर, पीठ व नरा में चोटें आयीं थी। सुनील के साथ भी अभियुक्तगण ने मारपीट की थी, जिससे उसकी कमर, बांये हाथ तथा पैर के पंजे, दांहिने हाथ के पंजे मे मूंदी चोटें आयी थी। झूमाझटकी में पवन का पर्स भी गिर गया था। घटना की रिपोर्ट उक्त दिनांक को ही अभियोगी पवन द्वारा थाना करारिया में की गई। पुलिस द्वारा प्रकरण में विवेचना कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेष किया गया।
हाथ में लोहे की छुरी लिए लोगो को डराने, धमकाने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाया 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- अर्थदण्ड की सजा
विदिषा। न्यायालय प्रथा श्रीवास्तव न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विदिषा द्वारा हाथ में लोहे की छुरी लिए लोगो को डराने वाले आरोपी को धारा 25(1-बी)बी आयुध अधिनियम में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उपरोक्त प्रकरण में पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती किरण कापसे द्वारा की गई।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, फरियादी हुकुम सिंह राजावत थाना सिविल लाईन विदिषा में उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ था। हुकुम सिंह राजावत दिनांक 23.10.2015 को रोजनामचा सान्हा की तस्दीक हेतु सैनिक उदयसिंह को साथ लेकर करेयाखेड़ा रोड, परसराम कॉलोनी विदिषा जहॉ उसे एक व्यक्ति हाथ में लोहे की छुरी लिये हुए लोगों को डराता धमकाता मिला। पंचान साक्षी धर्मेन्द्र केवट व राहुल उर्फ रउआ अहिरवार की मदद से उक्त व्यक्ति को पकड़ा गया एवं छुरी कब्जे में ली गई, छुरी जिसमें गोल्डन कलर का घोड़े के चेहरे का निषान बना हुआ था एवं प्लास्टिक का मुठिया लगा हुआ था, पाया गया। छुरी के लाइसेंस के बारे में पूछने पर उक्त व्यक्ति ने लाइसेंस न होना बताया एवं अपना नाम राजेष अहिरवार निवासी- अहमदनगर थाना करारिया बताया। अभियुक्त के आधिपत्य से छुरी जप्त कर जप्ती पंचनामा बनाया गया। थाना वापस आकर अभियुक्त के विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया। अभियुक्त को गिरफतार किया गया तथा आवष्यक अन्वेषण पष्चात् अभियोग पत्र न्यायालय में दिनांक 18.11.2015 को प्रस्तुत किया गया।
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