विहिप करेगा गौ शालाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कार्य : वर्मा
हिंदू नववर्ष पर विहिप सेवा प्रकल्प का हुआ शुभारंभ...
खरगोन। हिन्दू धर्म में गाय को माता माना जाता है और उसकी हर तरह से सेवा एवं रक्षा करना पुण्य कर्म माना जाता है। गौ उत्पादों को आयुर्वेद में औषधी की मान्यता है। खरगोन जिले कुल 36 गौ शाला है जिसमे 12 शासकीय अनुदान से और 24 गौ भक्तो के द्वारा दि गई दान राशि से संचालित हो रही है आज वर्ष प्रतिपदा से विहिप गौशालाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए कार्य करेगा जिससे गौशाला अपना खर्चा खुद निकाल सके ताकि दान व अनुदान पर निर्भरता कम हो उक्त उदगार विहिप प्रांत गौ रक्षा प्रमुख मनोज वर्मा ने कामधेनु गौ शाला राजपुरा छटल में व्यक्त किए।
विहिप जिला प्रचार प्रसार प्रमुख दीप जोशी ने बताया कि विक्रम सवंत २०७९ नव वर्ष के शुभावसर पर राजपुरा स्थित कामधेनु गौ शाला में गौ माता को गुड़ चने के महाभोग के साथ विहीप ने सेवा प्रकल्प का शुभारम्भ किया इसके माध्यम जिले की सभी गौ शालाओं को आपस में जोड़ कर गौ शालाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु एक योजना बनाई जावेगी जिसके माध्यम से गौ उत्पादकों को बढ़ावा देना, जैविक खेती को बढ़ावा देना, नस्ल सुधार जैसे विषयों पर कार्य किया जाएगा।विहिप सेवा प्रकल्प के शुभारंभ के अवसर पर बजरंगदल प्रान्त गौ रक्षा प्रमुख मनोज जी वर्मा, जिला मंत्री विवेक सिह तोमर, सह संयोजक अमित जी अवस्थी, सह मंत्री क्रांति राठौड़, राजू जी सोनी, सचिन जी भावसार, वीरेंद्र जी बर्डे, धर्मेंद्र जी गुजरे, और गौ सेवक लोकेंद्र जी सेन ,रूपेंद्र जी मंडलोई आदि उपस्थित थे।
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