न्यायालय ने आरोपीगण को न्यायालय उठने तक सजा एवं 500 500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।

विदिशा। (कुरवाई) श्रीमान् सुधीर सिंह निगवाल न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय के द्वारा आरोपीगण करोडी और शैलू निवासी गा्रम बंडोरा को मारपीट के मामले में दोषी पाते हुए न्यायालय उठने तक की कारावास एवं 500/- 500/- रू के अर्थदंड से दंडित किया।

 मीडिया सेल प्रभारी श्रीमती गार्गी झा द्वारा बताया गया कि घटना दिनांक को फरियादी के साथ आरोपीगण ने पुरानी रंजिष को लेकर गाली गलौच करने लगे फरियादी ने गाली देने से मना किया तो आरोीपगणों ने फरियादी के साथ लात घूंसों और डण्डों से मारपीट करने लग गये जिससे फरियादी को हाथ व पैर में चोटैं आयी। जिसकी षिकायत फरियादी ने थाना कुरवाई में षिकायत की गई। थाना कुरवाई द्वारा आरोपीगणों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 352/14 उधारा 294, 323, 506, 34 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। विचारण के दौरान माननीय न्यायालय ने आरोपीगणों को धारा 323 में दोषी पाते हुए न्यायालय उठने तक की सजा एवं 500/- 500/-रू के अर्थदंड से दंडित किया।

मामले में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सतीष गौतम द्वारा की गई। 

न्यायालय ने धोखाधड़ी करने वाले आरोपीगण केा 04-04 माह के कारावास व 200-200 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। 

विदिशा। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री साकेत गोयल द्वारा बताया गया कि माननीय न्यायालय सुश्री निशा रघुवंशी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला विदिशा ने अपने निर्णय 27.04.2022 को अभियुक्त वीरेन्द्र सिंह राजपूत पुत्र नारायण सिंह राजपूत आयु 48 वर्ष एवं विश्वनाथ सिंह राजपूत पुत्र नारायण सिंह राजपूत उम्र 32 वर्ष निवासीगण- कांजी हाउस के पीछे डंडापुरा विदिशा को धारा 453 भारतीय दण्ड संहिता में 04-04 माह का कारावास एवं 200-200 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। उक्त प्रकरण में पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री साकेत गोयल द्वारा की गई।

 अभियोजन के अनुसार फरियादी/आहत की डंडापुरा विदिशा वार्ड नं0 7 में स्थित दुकान है। उक्त दुकान का 1 लाख 40 हजार रूपये में दिनांक 12.06.2003 को सुरेन्द्र को विक्रय अनुबंध किया था जिसमें 20 हजार रूपये बयाना के तौर पर लिये गये बाकी रकम दिनांक 05.12.03 तक देने का इकरार किया गया था परन्तु मियाद पूरी होने पर रजिस्ट्री नहीं करवाई तो फरियादी ने दिनंाक 12.07.2004 को रजिस्टर्ड एडी द्वारा सुरेन्द्र सिंह को नोटिस दिया व 5 बार स्वयं जाकर बताया। लेकिन सुरेन्द्र सिंह द्वारा रजिस्ट्री नहीं करवाई और दिनांक 26.07.2014 को फरियादी नीलम वाधवानी की उक्त दुकान का बिना बताये ताला तोड़कर उस पर जबरन कब्जा कर लिया, फरियादी द्वारा मना किये जाने पर उसे मां बहिन की अश्लील गालियां सुरेन्द्र,वीरेन्द्र तथा उनका एक अन्य भाई देते हुए बोले कि यह दुकान हमारी है, तुमसे जो बन पड़े कर लो, अब अगर दुकान खाली करने की कही तो तुम्हें जान से खत्म कर देंगे। 

 उक्त घटना के संबंध में फरियादी ने थाना कोतवाली विदिशा में आरोपीगण को विरूद्व अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। उक्त प्रकरण में पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री साकेत गोयल द्वारा की गई। 

                                                       

                                                

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