गंदे नाले सूखने चाहिए, नर्मदा नहीं - भैय्याजी सरकार

अन्न का कण और नर्मदा का जल कम हुआ तो जीवन का अंत हो जाएगा - भैय्याजी सरकार

नर्मदा संरक्षण संवर्धन के लिए निराहार अखंड सत्याग्रह महाव्रत के 459 वें दिन नर्मदा आश्रय स्थल पहुंचे नर्मदा मिशन संस्थापक समर्थ सतगुरु भैय्याजी सरकार



मंडलेश्वर(श्याम मेवाडे)। नर्मदा सरंक्षण संवर्धन के लिए 459 दिनों से निर्विकार निराहार अखंड सत्याग्रह महाव्रत कर रहे नर्मदा मिशन के संस्थापक समर्थ सतगुरु दादाजी सरकार (भैय्याजी सरकार) बुधवार की शाम 7 बजे मंडलेश्वर स्थिति मां नर्मदा आश्रय स्थल पहुंचे। जहां आश्रय स्थल व्यवस्थापक रत्नदीप मोयदे एवं सदस्यों ने भैय्याजी सरकार का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। कन्या अक्षता और आयुषी ने तिलक लगाकर आरती उतारी। स्वागत उपरांत भैय्याजी सरकार ने नर्मदा तट राम घाट पर नर्मदा पूजन किया और परिक्रमावासियो के हाथों नर्मदा का जल ग्रहण किया। शाम 7:30 बजे मां नर्मदा आरती मंडल द्वारा भगवान शिव एवं मां नर्मदा आरती एवं नर्मदा अष्टक में शामिल हुए। वहा मौजूद नर्मदा भक्तो को भैय्याजी सरकार ने मां नर्मदा की महत्ता बताते हुए कहा की नर्मदा देश ही नहीं दुनिया की धरोहर है। यह नर्मदा ही है जिसने हमें जीवन दिया, जीना सिखाया और आत्मनिर्भर बनाया। अगर अन्न का कण और नर्मदा का जल कम हो गया तो जीवन का अंत हो जाएगा। लोग चार धाम की तीर्थ यात्रा करते है जबकि नर्मदा की राह के पग पग में करोड़ों तीर्थ है।

   संपूर्ण आहारों का त्याग कर सत्याग्रह कर रहे हैं भैय्याजी सरकार ने कहा जिस दिन नर्मदा में गंदगी का एक एक कण जाने से रुकेगा उस दिन महाव्रत का त्याग कर अन्न ग्रहण करूंगा। 

    भक्तों को संबोधन उपरांत भैय्याजी सरकार ने पुनः मां नर्मदा आश्रय स्थल पहुंचकर परिक्रमावासियो को अपने हाथो से भोजन प्रसाद परोसा। रात्रि विश्राम के बाद अगले 460 वें दिन गुरुवार की सुबह नर्मदा दर्शन पूजन के बाद भैय्याजी सरकार द्वारा पंचवटी देव वृक्ष मूर्ति स्थापना (वृक्षों की पूजा कर वृक्षारोपण हेतु भक्तो को दिए) की गई और आगे की और प्रस्थान किया। इस दौरान नर्मदा आश्रय स्थल समिति के सदस्यों भैय्याजी सरकार को मां नर्मदा का चित्र भेंट किया। उक्त जानकारी नर्दमा आश्रय समिति के प्रवक्ता दीपक पाण्डेय द्वारा दी गई। आश्रम संचालक रत्नदीप मोयदे, नगर परिषद सीएमओ घनश्याम मचार, अध्यक्ष प्रतिनिधि मनोज शर्मा, विश्वदीप मोयदे, अनिल भटोरे, सांसद प्रतिनिधि चैतन्य पटवारी, लेखक दुर्गेश कुमार राजदीप, संतोष चौहान, संजीव राठौड़, आलोक डोंगरे, रोहित कुमरावत, धनंजय शर्मा, पवन तंवर, राजपाल ठाकुर, राजेश बडोले ने भैय्याजी सरकार का सानिध्य प्राप्त किया। 

मीडियाकर्मियों से की मुलाकात - 

     नर्मदा को विलुप्त होने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले समर्थ सद्गुरु दादाजी सरकार (भैय्याजी सरकार) ने मण्डलेश्वर स्थित मां नर्मदा आश्रय स्थल पर पत्रकार वार्ता में नर्मदा के घटते जल स्तर, बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नर्मदा में मिल रहे असंख्य गन्दे नाले साल भर बहते है और नर्मदा जल को प्रदूषित करते है इन नालों को बंद करना चाहिये और यह काम सरकार प्रशासन नही समाज को करना होगा। हम यह संकल्प ले कि एक बूंद गन्दा पानी नर्मदा में नही जाने देंगे। हमें अपने घरो में ही जल प्रबन्ध की ऐसी व्यवस्था बनाना होगी जिसमें अपशिष्ट पदार्थो का निपटान इस तकनीक से हो कि प्रदूषण नही हो। जितनी तेज गति से नर्मदा जल प्रदूषित हो रहा है उतनी ही तेज गति से गांव नगर संक्रमित हो रहे है। जितनी तेजी से नर्मदा किनारे का हरित क्षेत्र घट रहा है उतनी ही तेजी जल स्तर कम हो रहा है । जिस तरह मठ की शोभा मूर्ति से होती है उसी तरह नर्मदा का अस्तित्व पेड़ पौधों से है । नर्मदा सृजन का द्वार है विसर्जन का नही। आज नर्मदा को प्रदूषण से बचाने के लिये कई सरकारी योजनाओं पर काम चल रहा है लेकिन सरकारी काम का क्रियान्वयन नही हो पाता है इस दिशा में समाज को महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहिए । दादाजी सरकार ने शासन से नर्मदा क्षेत्र में उत्खनन, मांस, मदिरा की बिक्री प्रतिबंधित करने की मांग भी की है। 

      मां नर्मदा आश्रय स्थल समिति के प्रवक्ता दीपक पांडेय ने बताया कि तीसरी बार नर्मदा परिक्रमा पर निकले दादाजी सरकार 17 अक्टूबर 2020 से सिर्फ नर्मदा जल पीकर ही परिक्रमा कर रहे है आप अखण्ड निराहार परिक्रमा के तहत मण्डलेश्वर आश्रम में पहुंचे थे। भैय्याजी सरकार नर्मदा मिशन के संस्थापक है। नर्मदा मिशन की याचिका पर ही जबलपुर उच्च न्यायालय ने नर्मदा में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध के आदेश दिए थे। इसके अलावा नर्मदा मिशन के नाम दो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है। पहला जबलपुर की संस्कार कावड़ यात्रा "रन फॉर नेचर" गोल्डन बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड एवं द्वारा समर्थ वृक्ष रक्षा संकल्प दिवस "महोत्सव" लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

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