जिपं सीईओ ने जताई नाराजगी पंचायत द्वारा निर्मित दुकानों में भ्रष्टाचार की जांच का मुद्दा उठाया
सेगांव (लक्की गोयल)। जनपद पंचायत सेगांव में शुक्रवार को जिला पंचायत सीईओ दिव्यांक सिंह के नेतृव में ग्राम पंचायतों के विकास कार्यो की समीक्षा बैठक हुई। जिसमें मनरेगा के तहत कार्यो व स्वच्छता संबंधी कार्यों पर चर्चा हुई । पंचायतों में कई महीनों से कार्य धीमी गति से चलने के कारण सीईओ ने नाराजगी व्यक्त की गई। जिसके कारण रोजगार सहायकों, सचिवों व उपयंत्रियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए। पंचायत चुनाव को लेकर भी तैयारियों पर मंथन किया गया। *इस दौरान कुछ मीडिया के माध्यम से ग्राम सेगांव के व्यापारी के 6 दुकानों का भी मुद्दा उठा लेकिन ग्राम पंचायत सेगांव द्वारा पिछले तीन-चार वर्षों में निर्मित दुकानों के निर्माण और उसमें हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच का कार्रवाई का मुद्दा नही उठा। ग्रामीणों सहित व्यापारी ने जिला पंचायत सीईओ से संपर्क कर उक्त जांच राजस्व विभाग की टीम गठित कर किए जाने की मांग की गई। सीईओ ने जांच का आश्वासन दिया।
धीमी गति से काम पर इन पंचायतों का नोटिस
ग्राम पंचायत तिरी, उपड़ी, सतावड़, कमोदवाड़ा, भड़वाली, डालकी, आचलवाड़ी, सांगवी, सिलोटिया, जोगवाड़ा, चिचगड़, गोलवाड़ी, गांटलाखेड़ी, दसनावल एवं जनपद पंचायत के 2 उपयंत्रियों को भी नोटिस जारी हुए हैं। इस दौरान जिला सीइओ द्वारा खुलगांव व तलकपुरा का भी निरीक्षण किया गया। जिसमें मनरेगा के अधिकारी श्याम रधुवंशी, भगीरथ पाटीदार, अतिरिक्त सीईओ पुरषोत्तम पाटीदार भी उपस्थित थे।
पंचायत में भ्रष्टाचार पर साध रखी चुप्पी
इधर, अधिकारियों के आने की खबर पर कुछ कतिपय पत्रकार भी पहुंचे और उन्होंने ग्राम के व्यापारियों की दुकानों का मुद्दा उठाया। जबकि पंचायत में सालों से हो रहे भ्रष्टाचार पर इन्हीं लोगों ने चुप्पी साध रखी। कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। व्यक्तिगत द्वेषभावना और आर्थिक सहयोग की उम्मीद में झूठी शिकायतें की जा रही है।
ये है वास्तविक स्थिति
4 सितंबर 2020 को अपर कलेक्टर कोर्ट ने बाजार पट्टी की सुरक्षित जमीन पर बनाई जा रही दुकानों के पंचायत के इस कृत्य को अवैध बताकर आगामी कार्रवाई तहसीलदार सेगांव को दी थी। 9 जुलाई 2021 को जिपं सीईओ गौरव बैनल ने आदेश में तत्कालीन सचिव और वर्तमान सचिव व सरपंच को हर कार्य में दोषी माना था। जनपद और जिपं लेखाधिकारी द्वारा की गई जांच में भी दुकानों में अनियमितता पाई गई थी।
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