शिवमहापुराण कथा में श्रोताओं को वैक्सीनेशन के लिए किया प्रेरित
बुजुर्गो और माता पिता की सेवा से भी मिलते है परमात्मा -पंडित प्रदीप मिश्रा
खरगोन। जिस तरह कंपनियां कर्मचारियों को कार्य पूर्ण करने के लिए पैकेज देती है उसी तरह ईश्वर भी यमराज को पैकेज देते है, यह हम सबने दूसरी लहर में देख लिया है। अब तीसरे पैकेज से सुरक्षा के लिए शिवमहापुराण की वैक्सीन स्वयं की आत्मा के लिए और कोरोना की वैक्सीन अपने परिवार, रिश्तेदारों, पड़ोसियों को नुकसान न पहुंचे इसलिए सभी को लगाना जरूरी है। सभी वेक्सिन लगाए। यह संदेश स्वर्गीय श्री जय प्रकाश पाठक स्मृति सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री वैष्णव महाशिवपुराण कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से पंडित प्रदीप मिश्रा सिहोर वालों ने उपस्थित श्रद्धालुओं से अपील करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि कथा परिसर में ही शासन ने वैक्सीनेशन कैंप लगाया है। यहां वैक्सीन लें, इसके अलावा सभी श्रोता मास्क, शारीरिक दूरियों के पालन के साथ ही बीमारी से बचाव के लिए अपने हाथ अच्छे से धोने के नियमों का पालन जरुर करें। पंडित मिश्रा ने वृंदा देवी से भगवान शिव से पूछे गए पांच प्रश्नों की कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कथा श्रवण के लिए जो पांडाल पहुंचता है वह कथा की छत्रछाया में होता है, ओर यहां निर्मल चित्त, नि:स्वार्थ भाव से कि गई हर कामना पूरी होती है। ईश्वर को पाने, मोक्ष पाने की लालसा सभी में रहती है। परमात्मा को पाना है तो जप, तप, भजन, कीर्तन, सत्संग बिना मोह, लालच के करोगे तो परमात्मा जरुर मिलेंगे। जरुरी नहीं कि शिव, राम. कृष्ण भजते रहो बुजुर्गो, माता. पिता की सेवा में जुटे रहे तो भी परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है। पंडित मिश्रा ने शरीर पर भक्ति रुपी आभूषणों का मनोहारी और सरल तरीके से वर्णन करते हुए कहा कि मुख के लिए भजन, कानों के लिए शिवपुराण कथा का श्रवण, नाक के लिए चरणों में चढ़े पुष्प की खुशबू, सिर के लिए शिवजी के चरणों की धूल, हाथों के लिए दान धर्म सेवा, चरण के सतमार्ग शिवजी के चरणारविंद तक पहुंचना, गले के लिए तुलसी, रूद्राक्ष की माला जैसे आभूषण होना चाहिए। जबकि सोने चांदी के आभूषण अपने परिवार के साथ जाने के लिए होना चाहिए।
सबसे भिडज़ो पर निमाड़ी सी मत भिडज़ो
कथा के दौरान पंडित मिश्रा ने महेश्वर में नर्मदा पूजन के दौरान एक क्षेत्रवासी से हुई चर्चा का रोचक किस्सा सुनाते हुए कहा की पूजा के दौरान उन्होनें एक रहवासी से पूछा कि यहां मिर्च की अच्छी पैदावार होती है, यह किस मौसम में लगाते है? तो जवाब मिला कि पंडितजी यहां मौसम की जरुरत नहीं जब सच्ची बात कहो तो किसी को भी लग जाती है। पंडितजी ने कहा जवाब मिलते ही मैंने तो कहा नर्मदे हर और सीधे जजमान के घर...। पंडित मिश्रा ने कहा कि सबसे भिडज़ो पर निमाड़ी सी मत भिडज़ो।
स्वयंसेवक दे रहे सेवा,संभाल रहे यातायात व्यवस्था
कथास्थल पर प्रात: काल से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो जाता है। प्रवेश द्वार पर चंदन तिलक लगाकर श्रद्धालुओं का स्वागत किया जा रहा है। इस दौरान श्रोता ऊं नम: शिवाय, हर हर महादेव का जयकारा लगाकर अपनी भक्ति और उत्साह को प्रदर्शित करते दिखाई देते है। कथा के सफल आयोजन और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो सो से अधिक कार्यकर्ता पूर्ण समर्पण के साथ सेवा भाव में लगे हुए है। बावड़ी बस स्टेंड से महाशिवपुराण कथा स्थल तक सुचारू यातायात व्यवस्था के लिए पचास से अधिक लोग यातायात समिति में जुटे हुए है। करीब डेढ़ किलोमीटर के मार्ग को भगवा ध्वज, स्वागत द्वारों से सजाया गया है। दो पहिया, चार पहिया वाहनों को कथास्थल से पहले अलग अलग जगह पर साठ एकड़ भू भाग पर व्यवस्थित रुप से पार्किंग कराया जा रहा है। कथास्थल पर करीब 35 हजार श्रोताओं की बैठक व्यवस्था के लिए विशाल डोम लगाया गया है। वहीं व्यासपीठ दर्शन एवं कथाश्रवण में कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रोजेक्टर के साथ ही आधुनिक साउंड सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है।
आज होगा शिवपार्वती विवाह प्रसंग
आयोजन समिति के तुषार पाठक ने बताया कथा के तीसरे दिन शनिवार को शिव पार्वती विवाह प्रसंग पर कथा होगी। शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और भगवानपुरा विधायक केदार डावर कथा सुनने पहुंचे और पाठक परिवार के साथ पंडित मिश्रा एवं व्यास पीठ का पूजन कर आरती में भाग लिया। इस दौरान श्री गौड़ ब्राह्मण समाज के केंद्रीय कार्यसमिति अध्यक्ष शरद सराफ भी उपस्थित थे।
Comments
Post a Comment