पंजीयन प्रक्रिया में लेटलतीफी से 19 कंपनियों के कारोबार पर पड़ रहा असर
लघु उद्योग भारती ने कृषि उत्पादन आयुक्त से कि मुलाकात, सौंपा पत्र
खरगोन। पीएमकेएसव्हाय योजना के तहत माइक्रो इरिगेशन के क्षेत्र में नया कारोबार शुरु करने की चाह रखने वाली कंपनियों को पंजीयन प्रक्रिया में लेटलतीफी से जुझना पड़ रहा है। करीब 20 कंपनियों के पंजीयन उद्यानिकी विभाग में अटके है। निर्माताओं की परेशानियों को देखते हुए लघु उद्योग भारती ने शासन स्तर पर नवीन पंजीयन कंपनियों की समस्याओं को पहुंचाने एवं पजीयन प्रक्रिया शीघ्र कराने का बीडा उठाया है। उद्योग भारती ने नियमों को शिथिल एवं समयसीमा में पंजीयन करने की मांग भी रखी।
लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष प्रीतेश अग्रवाल ने बताया कृषि उत्पादन आयुक्त भोपाल एवं एपीसी शैलेंंद्र सिंह से मुलाकात कर नवीन पंजीयन कंपनियों का शीघ्र पंजीयन करने का मांगपत्र सौंपा गया है। अग्रवाल ने बताया एक ओर शासन लघु उद्योगों को बढ़ावा देने, युवाओं को खुद का व्यापार शुरु करने, आत्मनिर्भर भारत का सपना दिखाता है, वहीं जो लोग खुद का कारोबार शुरु कराना चाहते है उन्हें विभागीय कार्रवाई में उलझाया जा रहा है जो न तो व्यापार के लिए अच्छा है न ही अर्थव्यवस्था के लिए।
आवश्यक समस्त कागजी कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है
अग्रवाल ने बताया करीब 19 नई कंपनियां जो माइक्रो इरिगेशन कम्पोनेंट बनाती है, यह सभी कृषि उत्पादों में महत्वपुर्ण योगदान देती है। इन कंपनियों का उत्पादन निरीक्षण उद्यानिकी, कृषि, सीपेेट, कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा किया जा चुका है। उद्यानिकी विभाग भोपाल से अनुबंध भी हो चुका है। इन कंपनियों ने माइक्रो इरिगेशन से संबंधित उत्पाद जैसे ड्रिप लाईन, पोर्टेबल स्प्रींकलर पाईप, मिनी स्प्रिंकलर पाईप आदि का उत्पादन बीआईएस के माणक अनुरुप किया जाता है।
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