पाली हाउस के नाम पर किसान के साथ धोखाधड़ी
खरगोन। इसे सिस्टम की सडांध ही कहेंगे कि सिस्टम के साथ बेईमान लोग मिलकर किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों के वारे न्यारे कर कर लेते हैं और उनका खामियाजा बेचारा लाचार किसान भुगतता है । कभी नकली बीज, कभी नकली दवाई तो कभी सिस्टम की मिलीभगत से किसान की जमीन की पावतीयों का दुरुपयोग कर इस खेल से अन्जान, लाचार किसान को और छला जाता है । सरकार भी एक और किसान मजदूरों के लिए योजनाओं का ढींढोरा पीट अपनी पीट थपथपाती है तो दूसरी ओर किसानों के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले सफेदपोशों और सिस्टम के अपराधियों को शह देती भी नजर आती है । कुछ ऐसा ही मामला खरगोन जिले में सिस्टम के साथ मिलीभगत कर कातिपय लोगों द्वारा किसानों के साथ फर्जीवाड़ा कर करोड़ों के वारे न्यारे करने और कानून की तलवार किसानों के गले पर लटकाने का सामने आया है ।
पाली हाउस घोटाले के नाम से कुछ समय पूर्व सुर्ख़ियों में आए और राजनीतिक हथकण्डों से दबाए गए इस महा घोटाले में एक और एफ आर आई खरगोन पुलिस ने दर्ज की है। हालांकि घोटाले का मास्टरमाइंड और मुख्य सरगना अपने राजनीतिक रसूख के चलते अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए हाथ पैर तो मार रही है पर कहीं ना कहीं "रसूख" उसे अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर किए हुए हैं ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भीलगांव के "काटन" व्यापारी राजेश तंवर ने बैंक अधिकारियों के साथ में सांठ-गांठ कर पाली हाउस के नाम से किसानों के नाम पर करोड़ों रुपए का महाघोटाला किया है । किसानों को इस महाघोटाले का पता तब चला जब उनके नाम बैंक से लाखों रुपए वसूली के नोटिस भेजे गए । डूलार फाटा तहसील पंधाना जिला खंडवा और हाल मुकाम जायसवाल जीनिंग खरगोन के रहने वाले लखनलाल पंचोरे के नाम पर राजेश तंवर ने बैंक आँफ बड़ौदा शाखा खरगोन के तत्कालीन शाखा प्रबंधक के.के. सरवटे के साथ मिलकर के फर्जी हस्ताक्षर से 40 लाख रुपए का लोन पाली हाउस बनाने के नाम पर निकाल लिया ।लखनलाल और उसका बेटा दीपक राजेश तंवर की भीलगांव स्थित जिनिंग फैक्ट्री राज इको फार्म में वर्ष 2007 से फीटर का काम करता था । राजेश तंवर ने लखनलाल और उसके बेटे दीपक के नाम पर झिरन्या विकासखंड के ग्राम शिवना में 2012 -2013 ने चार-चार एकड़ कृषि भूमि खरीदी । मास्टरमाइंड राजेश ने बैंक के माध्यम से वेतन देने के लिए बाप बेटे के आधार कार्ड ,फोटो, राशन कार्ड और जाति प्रमाण पत्र बैंक खाता खोलने के लिए ले लिए और अपनी जिनिंग के ऑफिस में ही बाप बेटे से हस्ताक्षर करवा कर बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाकर पासबुक व चेक बुक अपने पास रख ली । वर्ष 2016 में राजेश तंवर ने लखनलाल के नाम 40 लाख का लोन पाली हाउस के नाम पर फर्जी तरीके से निकाल लिया । 28 मई 2018 में जब बैंक से वसूली नोटिस आया तब बाप बेटो को इस गड़बड़झाले की जानकारी लगी । तब उन्होंने इस संबंध में राजेश से बात की तो राजेश ने जल्द ही लोन जमा करवाने और इन्हें चुप रहने की बात कही । लेकिन अभी तक लोन जमा नहीं करवाया । बैंक के तकाजे के बाद फरियादी ने बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा खरगोन से सूचना के अधिकार के तहत बैंक से दस्तावेज प्राप्त कर देखा तो पाया कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर राजेश ने पाली हाउस के लिए लोन निकाला । पुलिस ने इस मामले की विस्तृत जांच कर आईपीसी की धारा 420,467,468 और 471 में राजेश तंवर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है ।
जमीन पर कब्जा घनश्याम राठौर का
राजेश द्वारा लखनलाल और दीपक पंचोरे के नाम पर खरीदी गई उक्त भूमि पर लखनलाल और दीपक का कब्जा कभी नहीं रहा । वर्तमान में भी उक्त भूमि पर झिरन्या के घनश्याम राठौर का कब्जा है । राजेश ने घोटाले के लिए ही सस्ती कृषि भूमि बाप बेटे के नाम क्रय की थी ।
घोटाला नहीं महाघोटाला
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार धूर्त राजेश तंवर का यह पहला कारनामा नहीं है । इससे पूर्व भी पाली हाउस के नाम पर धोखाधड़ी करने और फर्जीवाड़ा कर लोन निकालने के संबंध में एक एफ आई आर खरगोन थाने पर ही 2 वर्ष पूर्व दर्ज हुई थी जिसमें राजेश तवर फरारी काटने के बाद फिलहाल अग्रिम जमानत पर चल रहा है । बुरहानपुर जिले में भी 2 करोड़ से अधिक का पाली हाउस घोटाला किसानों के नाम पर राजेश तंवर ने किया है। जिसमें दो बैंक मैनेजर भी शामिल है । सूत्रों के अनुसार 2 दर्जन से अधिक किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों का महाघोटाला इस मास्टरमाइंड ने किया है ।
राजनीतिक रसूख भारी...
कभी ऑर्गेनिक के गौरखधंधे के नाम पर सैकड़ो करोड़ रुपए कमाने वाले राजेश तंवर का राजनीतिक रसूख भी रुपयों की माया है। बड़े मंत्रियों को अपनी मीठी बातों और करोड़ों रुपए के सब्जबाग दिखाकर उनके साथ फोटो शोटो और हवाबाजी कर अपने पाप कर्मों और अपराधों पर पर्दा डालें हुए हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री से लगाकर भारत सरकार के एक मंत्री से भी राजेश तवर ने अपने कुत्सित इरादों को पूरा करने के लिए और कानून के शिकंजे से बचने के लिए "अर्थ प्रेम" की पींगे बढ़ा रखी है।
कब तक कानून के शिकंजे से दूर...?
अग्रिम जमानत पर चल रहे और विभिन्न जिलों में पाली हाउस के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाला यह मास्टरमाइंड कब तक कानूनी गिरफ्त से दूर रहता है ? यह देखने लायक होगा ! कब तक सत्ता पक्ष के मंत्रियों से नज़दीकियां किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले इस शख्स को कानूनी शिकंजे से महफूज रख पाती है ? देखने लायक होगा! देखने लायक होगा की पीड़ित किसानों को कानून किस प्रकार से न्याय दिला पाता है ? और कब इस सफेदपोश शातिर अपराधी को उसकी असली जगह सलाखों के पीछे धकेलता है ?
इनका कहना है
पॉली हाउस मामले में किसान के साथ धोखाधड़ी के मामले में व्यवसायी राजेन्द्र तँवर पर केस दर्ज है, गिरफ्तारी के लिए दबिश भी दी थी ,लेकिन आरोपी फरार हो गया ,जल्द ही फिर से दबिश देकर गिरफ्तार करेंगे-
प्रकाश वास्कले, थाना प्रभारी ,कोतवाली खरगोन ।
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