सनसनीखेज प्रकरण में नाबालिग बालिका के साथ बलात्संग करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास व 15000/-रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया गया

विदिषा। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी/एस.पी.ओ गंजबासौदा श्री दिनेष कुमार असैया के द्वारा बताया गया कि माननीय न्यायालय श्रीमती नीलम मिश्रा द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीष (पॉक्सो) तहसील गंजबासौदा जिला विदिषा ने आज अपने निर्णय 16.09.2021 को अभियुक्त देषराज अहिरवार पुत्र घासीराम अहिरवार उम्र-23 वर्ष निवासी ग्राम-देहलवाड़ा थाना पठारी हाल मायाखेड़ी जिला इन्दौर  को धारा 366, 376(2)एन भादवि एवं 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास व कुल 15000/-रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया गया।

अभियोजन घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 10.03.2019 का पीड़िता के पिता ने थाना त्योंदा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी तथा बताया था कि मैं, उसकी पत्नि तथा नाबालिग लड़की खाना खाकर सो गये थे। रात में पत्नि ने बताया कि बेटी घर पर नहीं है बिना बताए कहीं चली गई है जिसकी तलाष रिष्तेदारों ने की कोई पता नही ंचला उसे आरोपी देषराज अहिरवार पर शंका थी कि वह उसकी नाबालिग लड़की को बहलाफुसलाकर भगाकर ले गया है। जिस पर से थाना त्योंदा में अपराध क्रमांक 57/19 धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। अभियोक्त्री को दस्तयाब कर उसके 161 व 164 के कथन कराए गए तथा उसका मेडीकल परीक्षण कराया गया एवं डीएनए की कार्यवाही की गई थी। पीड़िता के कथन व अनुसंधान के उपरांत प्रकरण में धारा 366, 376(2)एन, भादवि 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 अभियुक्त को गिरफ्तार कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

न्यायालय में विचारण उपरांत पीड़िता व साक्षीगणों के कथनप कराए गए एवं प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पॉजीटिव आने से अभियुक्त को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 366 में 5 वर्ष का कठोर कारावास व 5000/-रूपये अर्थदंड, 376(2)एन में आजीवन कारावास जो कि शेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिये होगा एवं 10,000/-रूपये के अर्थदंड से दंण्डित किया गया।

उपरोक्त प्ररकण में पैरवीकर्ता अधिकारी-अतिरिक्त जिला अभियेाजन अधिकारी/अभियोजक श्री मनीष केथोरिया एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/एसपीओ दिनेष कुमार असैया द्वारा अभियोजन का संचालन किया गया एवं कोर्ट मोहर्रिर रीतेष तिवारी आरक्षक द्वारा अभियोजन कार्य में पूर्ण सहयोग किया गया। जिससे प्रकरण का निराकरण शीघ्र हुआ।


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