मारपीट करने वाले आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय ने की निरस्त

विदिशा। विशेष सत्र न्यायालय अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने आरोपी नीतेष कुषवाह पुत्र भगवान सिंह कुषवाह उम्र- 25       वर्ष निवासी गा्रम स्वरूप नगर बैतोली थाना गंजबासौदा जिला विदिषा को भादवि की धारा 294, 323, 506, 34 में तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(ट)(ं) मेें अग्रिम जमानत निरस्त की गई। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक (अभियोजन) श्री आई0पी0 मिश्रा द्वारा अग्रिम जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ा विरोध किया गया।

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि घटना दिनांक दिनांक 03.06.2021 को सुबह करीब 11ः30 बजे फरियादी जितेन्द्र के भाई प्रिंस और उनके पिता विमल कुमार फ्रूट के ठेले पर खड़े थे तभी आरोपी नीतेष कुषवाह व उसके सह आरोपीगण हथोड़ा व डंडा लेकर आये और फरियादी के भाई प्रिंस से मोटर साईकिल सुधारने के 500 रूपये मांगने लगा तो उसके भाई ने शाम को लेने को कहा इसी बात पर से आरोपीगण फरियादी के भाई के साथ विवाद करने  लगे। जब फरियादी के पिता विमल साद ने उन्हें रोका तो आरोपीगण ने उनके साथ भी मारपीट की थी। उक्त घटना की रिपोर्ट फरियायदी ने आरक्षी केन्द्र बासौदा में की थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा आरोपी नीतेष कुषवाह की ओर से अग्रिम जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे माननीय न्यायालय के द्वारा निरस्त कर दिया गया।

घर में घुसकर बंदूक की नोक पर गलत काम करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त

विदिशा। विशेष सत्र न्यायालय अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने आरोपी महेष व्यास पुत्र रामविषाल व्यास निवासी कस्बा बागरौद तहसील त्योंदा जिला विदिषा को भादवि की धारा 450, 376, 506बी तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(12), 3(2)(ट) मेें जमानत निरस्त की गई। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक (अभियोजन) श्री आई0पी0 मिश्रा द्वारा जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ा विरोध किया गया।

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि घटना दिनांक 25.05.2001 को रात करीब 11-11ः30 बजे जब पीड़िता अपने घर सो रही थी तब आरोपी महेष ने पीड़िता का मुंह दबाकर उसे झंझोड़कर उठाया और बंदूक दिखाकर जान से मारने की धमकी देकर घर के कमरे में ले गया और पीड़िता के साथ गलत काम किया। पीड़िता द्वारा उक्त घटना के संबंध में लिखित आवेदन थाना अजाक विदिषा में दिया गया था जिसके आधार पर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा आरोपी महेष व्यास की ओर से जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे माननीय न्यायालय के द्वारा आरोपी के कृत्य की गंभीरता को देखते हुए आरोपी महेष व्यास का जमानत आवेदन निरस्त !

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