शादी का झांसा देकर अवयस्क बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त

विदिशा। माननीय न्यायालय सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो विदिशा द्वारा आरोपी सुनील केवट पुत्र भवन लाल केवट को भादवि की धारा 376(2)(एन), 376डी, 34 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 3/4 एवं एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(प), 3(2)(ट) मेें जमानत निरस्त की गई। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ा विरोध किया गया।

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि आरोपी सुनील केवट द्वारा 18 वर्ष से कम आयु की अवयस्क पीड़िता को शादी का झांसा दिया गया था और उसके साथ बार-बार गलत काम किया था जिससे पीड़िता 5 माह की गर्भवती हो गई थी। उक्त घटना की रिपोर्ट पीड़िता ने आरक्षी केन्द्र नटेरन में लेखबद्ध कराई थी। रिपोेर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा 376(2)(एन), 376डी, 34 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 3/4 एवं एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(प), 3(2)(ट) प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा आरोपी सुनील केवट की ओर से जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे माननीय न्यायालय के द्वारा आरोपी के कृत्य की गंभीरता एवं प्रकरण की परिस्थितियों एवं महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए योन अपराधों को देखते हुए आरोपी सुनील केवट का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।


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