अवयस्क बालिका के साथ छेडछाड करने वाले आरोपी को विशेष न्यायालय ने सुनाई 03 वर्ष की सजा

विदिशा। माननीय न्यायालय सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो विदिशा द्वारा आरोपी प्रदीप अहिरवार को भादवि की धारा 354 व 354(ख) मे 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण मे पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा की गई।

 घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 30.04.2019 को शाम करीब 07.30 जे पीडिता अपने छोटे भाई के साथ खेत पर गई थी। उसका भाई थोडी दूर पर रूक गया। तभी आरोपी प्रदीप ने वहां आकर पीडिता का हाथ पकडकर झूमा झटकी करने लगा। पीडिता के चिल्लाने की आवाज सुनकर पीडिता का भाई घटना स्थल पर आ गया। तब आरोपी प्रदीप उसका हाथ छोडकर भाग। पीडिता घटना के पश्चात् अपने मम्मी पापा के साथ आरोपी के विरूद्ध थाने मे जाकर रिपोर्ट लिखवाई। 

 उक्त प्रकरण मे पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा की गई। जिनके तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय ने आरोपी को 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

मारपीट करने वाले आरोपी को विशेष न्यायाधीष ने सुनाई एक वर्ष की सजा

विदिशा। विशेष सत्र न्यायालय अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने आरोपी अरविंद विश्वकर्मा उम्र-35 वर्ष, निवासीग्राम बंन्द्रावठा थाना पठारी जिला विदिशा को भादवि की धारा 323, 324 में 01 वर्ष का कारावास व 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक (अभियोजन) श्री आई0पी0 मिश्रा द्वारा प्रकरण मे सशक्त पैरवी की गयी।

 घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि फरियादी इंदर सिंह मेहनत मजदूरी करता है। घटना दिनांक 02.12.2014 को करीब शाम 07 बजे फरियादी की पत्नि ने उसे बताया कि गांव का अभियुक्त अरविंद विश्वकर्मा उससे इधर उधर की की बात कर रहा था। फरियादी इसी बात पर से अरविंद के घर उसके पिता जी से शिकायत करने गया एवं फरियादी पिता जी से शिकायत कर रहा था कि अभियुक्त अरविंद आया और फरियादी को गाली देने लगा तथा अभियुक्त ने फरियादी के साथ मारपीट की जिससे फरियादी के शरीर मे कई जगह चोटे आई। फरियादी के द्वारा उक्त घटना की रिपोर्ट आरक्षी केन्द्र पठारी मे की गई। रिपोर्ट के पश्चात् विवेचना पूर्ण कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेष किया गया। 

 

                                                      

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