गलम काम वाले फूफा को न्यायालय ने सुनाई 20-20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा
(विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी ने सुनाई सजा)
विदिशा। विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी के न्यायालय ने आरोपी भगवान सिंह पुत्र मांगीलाल आदिवासी को भादवि की धारा 376(3),376(2)(एफ),376(2)(एन) में 20-20 वर्ष के कठोर कारावास व 10000 रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया। शासन की ओर से प्रकरण में अभियोजन का कुशल सचालन विशेष लोक अभियोजक/एडीपीओ श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा किया गया।
घटना इस प्रकार है कि पीडिता अपने परिवार के साथ निवास करती थी घटना दिनांक से एक साल पहले उसकी बुआ और आरोपी भगवान सिंह पीडिता के गांव मजदूरी करने आये थे और तभी से पीडिता के घर में रह रहे थे। आरोपी ने पीडिता के घर आने के एक महीने बाद ही उसके साथ गलत काम किया और पीडिता को डराया कि उसने यह बात किसी का बताई तो वह उसके पापा को मार डालेगा आरोपी भगवान सिंह के डर के कारण पीडिता ने किसी को यह बात नही बताई। आरोपी के द्वारा पीडिता के साथ कई बार गलत काम किया गया जिससे पीडिता गर्भवती हो गई थी। जब पीडिता अपनी बुआ के घर गई तो उसने अपनी बुआ को पूरी बात बताई। इस घटना की रिपोर्ट पीडिता ने थाना करारिया में लेखबद्ध कराई , लेखबद्ध किये जाने के पश्चात प्रकरण विवेचना मे लिया गया था। विवेचना उपरंात अभियोगपत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
मामले में हुई गवाही, मेडिकल एवं वैज्ञानिक साक्ष्य तथा नवीनतम न्याय दृष्टांतो के माध्यम से विशेष लोक अभियोजक/एडीपीओ प्रतिभा गौतम द्वारा संदेह से परे आरोपी के अपराध को प्रमाणित किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एवं विशेष लोक अभियोजक /एडीपीओ प्रतिभा गौतम द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को प्रमाणित मानकर न्यायालय ने दुष्कर्मी भगवान सिंह भादवि की धारा भादवि की धारा 376(3),376(2)(एफ),376(2)(एन) में 20-20 वर्ष के कठोर कारावास व 10000-10000 रूपए अर्थदण्ड रूपए की सजा से दंडित किया।
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