एक सैनिक ने पुलिस महकमे को गौरवान्वित किया



खरगोन। अपनी लाडली बिटिया से मिलने एक 75 वर्षीय बुजुर्ग श्रवण पिता भुलकु बंजारा 18 मई को दोपहर में सेंधवा से पैदल निकला था। पैदल चलते चलते खरगोन में ही रात हो गई। श्रवण भूखे और प्यासी हालत में बिस्टान नाके पर स्थित मंदिर में सुस्ता रहा था। तभी अपनी ड्यूटी पूरी कर रात 2 बजे बाइक से घर जा रहे। सैनिक शुभम ने देखा। शुभम की मानवता जागी तो वो अपने घर ले जाकर पिता की तरह भोजन परोसा और घर परिवार के बारे में बातचीत की। श्रवण ने बताया कि वो अपनी बेटी से बिस्टान के पास कसरपुरा मिलने जा रहा है। जिसकी अभी डिलेवरी होने वाली है। बुजुर्ग ने यह भी बताया कि मुझे पता है कोरोणा बीमारी चल रही है फिर भी मुझे बेटी के पास पहुचना जरूरी था। कोई साधन होने होने के बावजूद आना पड़ा। कोई साधन नही मिलने पर पैदल ही निकल पड़ा। कोतवाली थाना प्रभारी प्रकाश वास्कले ने बताया कि सैनिक शुभम की मानवता ने आज पूरे पुलिस महकमे को गौरवान्वित किया है। घर पर भोजन कराने के बाद रात 3 बजे अपनी बाइक से छोड़ने भी गया। जबकि दिनभर अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद किसी की हिम्मत नही होती रात में भी जागे मगर सैनिक ने वास्तव में सैनिकों वाला काम किया है। मुझे फक्र है ऐसे सैनिक जवान पर।

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