छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाया तीन वर्ष का कठोर कारावास

विदिषा। विशेष सत्र न्यायालय अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने आरोपी भूरा उर्फ मोहर सिंह उम्र-19 वर्ष, निवासी-जतरापुरा जिला विदिशा को भादवि की धारा 354 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/-रूपये अर्थदंड, लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम की धारा 8 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/-रूपये अर्थदंड तथा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण की धारा 3(2)(अं) में 3 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 1000/- रूपए अर्थदण्ड व धारा 3(1)(ू.प) में 6 माह का सश्रम कारावास एवं 500/-रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया। उक्त मामले में डीडीपी/विशेष लोक अभियोजक आई.पी. मिश्रा द्वारा मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया गया तथा उनके साक्ष्य से न्यायालय ने सहमति जताई। साक्षियों की समय पर उपस्थिति सुनिष्चित कराने में कोर्ट मोहर्रिर रमाकांत शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

घटना इस प्रकार है कि, पीड़िता घटना दिनांक 30.06.2019 को रात करीब 8 बजे अपने नाना के प्लाॅट वाले घर से अपनी दादी को खाना देने जा रही थी तभी रास्ते में उसे आरोपी भूरा उर्फ मोहर सिंह कुशवाह जिन्हें पीड़िता पहले से पहचानती थी, मिला और उसने पीड़िता से कहा कि चलो मैं तुम्हें छोड़ देता हूं। पीड़िता आरोपी के साथ मोटर साइकिल से दादी को रोटी देने के बाद जब वापस आ रही थी तो आरोपी उसे घर न ले जाकर सागर पुलिया के रास्ते तरफ ले जाने लगा। पीड़िता ने उसे मना किया और वह भागने लगी तो उसके माथे पर चोट लग गई। आरोपी ने पीड़िता का हाथ पकड़ लिया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। आरोपी जब मना करने पर भी नहीं माना तो वह भाग कर अपने घर पहुंची और उसने पूरी घटना अपने माता-पिता को बताई। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना कोतवाली में पीड़िता के द्वारा लेखबद्ध कराई गई थी।

प्रकरण में पैरवी शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक (अभियोजन) आई.पी. मिश्रा ने की थी। विषेष लोक अभियोजन आई.पी. मिश्रा द्वारा बताया गया कि साक्षियों को समय-समय पर समंस जारी कर साक्षियों की समय पर उपस्थिति सुनिष्चित कराने में कोर्ट मोहर्रिर रमाकांत शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।




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