पेट्रोल डालकर आग लगाकर हत्या करने वाले आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने की खारिज

(सनसनीखेज मामला)

विदिशा। माननीय न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अचल कुमार पालीबाल विदिशा द्वारा भादवि की धारा 302 के प्रकरण में आरोपी माधौसिंह अहिरवार निवासी गा्रम सनौटी की जमानत याचिका खारिज की। सनसनीखेज प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियेाजन अधिकारी मनीष कथोरिया द्वारा अपराध की गंभीरता के आधार पर जमानत आवेदन का कड़ा विरोध किया गया। माननीय न्यायालय ने अभियेाजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।

घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि दिनांक 25.05.2020 को शाम 07ः00 बजे आरोपी माधौ सिंह नशे की हालत में प्लास्टिक की बोतल में पेट्रोल लेकर आया और नवल को अश्लील गालियां दी तथा आरोपी ने नवल पर जान से मारने की नीयत से पेट्रोल डालकर माचिस से आग लगा दी जिससे नवल जलने लगा, उपचार के दौरान नवल की मृत्यु हो गई थी।

अस्पताल से तहरीर प्राप्त होने के पश्चात थाना करारिया में आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 89/20 भा.द.सं की धारा 307 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था बाद में प्रकरण में भादवि की धारा 302 का भी इजाफा किया गया। दिनांक 31.05.2020 से ही आरेापी जेल में निरूद्ध है, उक्त प्रकरण सनसनीखेज प्रकरण है। वर्तमान में प्रकरण शेष अभियेाजन साक्षियों के साक्ष्य हेतु दिनांक 05.04.2021 को नियत है।

मामला सनसनीखेज होने से जिला लोक अभियोजन अधिकारी मनीष कथोरिया द्वारा जमानत का गंभीर विरोध किया गया। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के तर्काें से सहमत होकर आरोपी की जमानत याचिका निरस्त्त कर दी।

अभियोजन अधिकारियों के विधिक संवर्धन हेतु 4 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया

विदिशा। लोक अभियोजन म0प्र0 के अंतर्गत संचालक लोक अभियोजन श्री विजय यादव के प्रभावी मार्गदर्शन में महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से म0प्र0 के अभियोजन अधिकारी को महिला अपराधों में सशक्त पैरवी करने हेतु दिनांक 16 से 19 मार्च, 2021 तक 04 दिवसीय आॅनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम (वेबीनार) का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

माननीय संचालक महोदय द्वारा वूमन सेफ्टी एवं क्राइम अगेंस्ट वूमन को बहुत महत्वपूर्ण विषय बताया गया। साथ ही कहा गया कि पुलिस, अभियोजन और न्यायालय को जेण्डर सेंसिटिव के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है। अतः अभियोजन को भी वूमन सेफ्टी के मामलों में प्रो-एक्टिव रोल अदा करना आवश्यक है। श्रीमान संयुक्त संचालक महोदय श्री एल.एस. कदम व सहायक संचालक महोदय श्री शैलेन्द्र शर्मा जी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रोत्साहन प्रदान किया गया।

वेबीनार में महिलाओं से संबंधित आपराधिक मामलों में फाॅरेंसिक एविडेंस इन सेक्सुअल आॅफेंसेस, डिटरमिनेशन आॅफ एज आॅफ विक्टिम, एक्जामिनेशन आॅफ विटनिस एण्ड सपोर्ट फाॅर विक्टिम इन सेक्सुअल आॅफेंसेस, पीटा एक्ट के प्रावधान एवं विवेचना, पाॅक्सो एक्ट के मामलों में प्रभावी अभियोजन, विक्टिम कम्पनशेसन स्कीम के प्रावधान एवं महिला संबंधी अपराधों में अपनाई जाने वाली न्यायालयीन प्रक्रिया व प्राॅसिक्यूटर की भूमिका एवं मेंटल हेल्थ व साॅफ्ट स्किल डेव्हलपमेंट आदि विषयों पर विशेषज्ञ व्याख्याताओं के रूप में सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशगण, सामाजिक कार्यकर्तागण, अभियोजन विभाग के अधिकारीगण व मास्टर ट्रेनर्स द्वारा व्याख्यान दिया गया।


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