12 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ दुराचार करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनार्इ 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
भोपाल। माननीय न्यायालय श्रीमती कुमुदिनी पटेल के न्यायालय द्वारा 12 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी पाण्डा झारिया को धारा 342 ,376 (2)(आई) भादवि एवं ¾पाक्सो एक्ट में दोषसिद्ध किया गया है। न्यायालय द्वारा आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रू के जुर्माने से दंडित किया गया।
शासन की ओर से अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक श्री टी.पी. गौतम एवं श्रीमती मनीषा पटेल ने किया।
मीडिया प्रभारी सुश्री दिव्या शुक्ला ने बताया कि फरियादिया ने थाना शाहपुरा भोपाल में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख करायी कि पीडिता कक्षा छटवीं में शासकीय स्कूल में पढाई कर रही है। दि. 12.07.17 को शाम करीब 7 बजे पीडिता की मम्मी ने उसे चायपत्ती लेने को भेजा था तो पीडिता आरोपी पाण्डा झारिया की दुकान से चायपत्ती लेकर लौट रही थी। रास्ते में आरोपी अपने घर में कुर्सी पर बैठा हुआ था, उसने मेरा हाथ पकड कर उसे अपने घर के अंदर की तरफ खींच लिया और पीडिता को अंदर वाले कमरे में ले जाकर उसके साथ बुरा कृत्य करने लगा। पीडिता के चिल्लाने पर आरोपी पाण्डा झारिया पीडिता का मुंह दवाने लगा । पीडिता की चीख सुनकर उसकी मम्मी वहां आ गई तो आरोपी उन्हें देखकर भाग गया। पीडिता द्वारा अपनी मम्मी को घटना की बात बताई गई तत्पश्चात पीडिता ने थाने उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करवाई । अभियोजन द्वारा न्यायालय से आरोपी का साक्ष्य के दौरान डीएनए कराये जाने का विशेष निवेदन किया गया, जिसमें आरोपी की डीएनए रिपोर्ट पॉजीटिव पाया गया। अभियोजन के द्वारा डीएनए कराये जाने के विशेष प्रयास के परिणाम स्वरूप एवं डीएनए के आधार पर ही आरोपी को दोषी पाते हुये दोषसिद्ध किया गया । प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये शासन द्वारा प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में रखा गया था।
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