धर में घुसकर गलत काम करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाया 10 वर्ष का कठोर कारावास

विदिषा। विशेष सत्र न्यायालय अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने आरोपी अरविंद सिंह दांगी उम्र-32 वर्ष, निवासी-रोशन पिपरिया थाना कुरवाई जिला विदिशा को भादवि की धारा 376(1) में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/-रूपये अर्थदंड, धारा 450 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000/-रूपये अर्थदंड तथा धारा 323 में 3 माह का सश्रम कारावास एवं 1000/-रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया। उक्त मामले में डीडीपी/विशेष लोक अभियोजक आई.पी. मिश्रा द्वारा मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया गया तथा उनके साक्ष्य से न्यायालय ने सहमति जताई। साक्षियों की समय पर उपस्थिति सुनिष्चित कराने में कोर्ट मोहर्रिर रमाकांत शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

घटना इस प्रकार है कि, पीड़िता अपने बच्चों के साथ अकेली रहती थी व मजदूरी करती थी। दिनांक 17.07.2014 को पीड़िता अपनी दोनों पुत्रियों के साथ घर में दरवाजा बंद करके सो रही थी। रात में किसी ने उसका किबाड़ खटखटाया, घर की लाईट जली थी, पीड़िता की नींद खुली वह मोबाईल लेकर दरवाजे के पास गई, पूछा कि कौन है तो बाहर से आवाज आई कि तुम्हारे जीजाजी हैं। मोबाईल की टाॅर्च जलाकर दरवाजा खोेला तो आरोपी अरविंद सिंह दांगी था जो एकदम घर के अंदर घुस आया व उसके साथ गलत काम करने लगा। पीडिता ने चिल्लाचैंट की और आरोपीे अरविंद को लातें मारी तो आरेापी अरविंद पीछे की तरफ गिर गया, आरोपी अरविंद फिर झूमा-झटकी करने लगा, अभियोक्त्री ने जैसे-तैसे अपनी लड़की को जगाया और बोला कि मामाजी को जल्दी से बुला लाओ, फिर अभियुक्त अरविंद पीड़िता का इंटेक्स मोबाईल उठाकर भाग गया। झूमा-झटकी से पीड़िता के हाथ की कलाई, पंजे में और दाहिने हाथ की गदेली में चोटें आईं। सुबह लगभग 7-8 बजे के करीब पीड़िता ने अपने भाई व भाभी को घटना की बात बताई। इस घटना के संबंध में पीड़िता के द्वारा आरक्षी केन्द्र कुरवाई में रिपोर्ट लेखबद्ध कराई।

प्रकरण में पैरवी शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक (अभियोजन) आई.पी. मिश्रा ने की थी। विषेष लोक अभियोजन आई.पी. मिश्रा द्वारा बताया गया कि साक्षियों को समय-समय पर समंस जारी कर साक्षियों की समय पर उपस्थिति सुनिष्चित कराने में कोर्ट मोहर्रिर रमाकांत शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

अवयस्क बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाया 20 वर्ष का कठोर कारावास की सजा

विदिशा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी ने आरोपी प्रीतम अहिरवार उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम जलंधर पुलिस थाना नरयावली, जिला सागर (म0प्र0) को भादवि की धारा 376(2)(एन), 376(3) में 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार रूपये जुर्माना व भादवि की धारा 366 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। उक्त मामले में शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा पैरवी की गई।

 घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 07.08.2018 को फरियादी/पीड़िता के पिता एवं पीड़िता का भाई सुबह 8 बजे मजदूरी करने गये थे तथा पीड़िता की माता लकड़ी लेने गयी थी घर पर पीड़िता तथा उसकी भाभी थी। शाम के करीबन 5 बजे जब फरियायदी और उसके दोनों लड़के मजदूरी करके वापिस आये थे तो फरियादी ने अपनी बहू से पीड़िता के संबंध में पूछा तो उसने बताया कि पीड़िता घर से 11 बजे कपड़े सिलवाने का कहकर गयी थी तब से अभी तक वापिस नहीं आयी है, फिर फरियादी तथा उसके दोनों लड़कों ने पीड़िता को आसपास रिश्तेदारों में तलाश किया था, परन्तु वह नहीं मिली थी। फरियादी के गांव में 15 दिन पहले प्रीतम अहिरवार मजदूरी करने आया था वह भी गांव में नहीं दिख रहा था। फरियादी को प्रीतम अहिरवार पर पीड़िता को बहला फुसलाकर ले जाने का संदेह था। फरियादी द्वारा दिनांक 08.08.2018 को घटना की रिपोर्ट थाना ग्यारसपुर में लेखबद्ध कराई।

 प्रकरण में मार्गदर्शन जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री मनीष केथोरिया द्वारा एवं पैरवी शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक/एडीपीओ श्रीमती प्रतिभा गौतम ने की थी।

              


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