बायपास सर्जरी में शासन का मिला सहयोग

अशोक के लिए संजीवनी साबित हुई आयुष्मान योजना



खरगोन। आयुष्मान योजना गरीब तबके के लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। कई ऐसे लोग जो आज तक रूपयों-पैसों के अभाव में कई गंभीर बीमारियों को सहते रहे है या इलाज के चक्कर में कितना कुछ बलिदान देते रहे है, लेकिन अब आयुष्मान योजना ऐसे कई गरीबों के स्वास्थ्य के लिए संजीवनी बुटी साबित होने लगी है। बात 22 नवंबर 2020 की है। रविवार के दिन खरगोन के हाट बाजार में महेश्वर के अशोक पंवार किराए के ठेले पर कपड़ों की दुकान सजाई हुई थी। पता नहीं अचानक दोपहर में मुर्छित होकर गिर पड़ा। तभी उसके ठेले वाले साथियों ने खरगोन के ही शारदा हास्पिटल में तत्काल दिखाया। बताया गया कि इन्हें दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ा है। उस समय किसी तरह अशोक अपने घर पहुंचा। इसके बाद अशोक अपनी आमदनी से इलाज कराने के बारे में सोचता रहा। जो व्यक्ति 100 से 150 रूपए रोजाना कमाता हो, वो कैसे लाखों रूपए जुटाए? अशोक खरगोन जिले में हाट बाजारों में ठेला लगाकर बच्चों के गारमेंट को कमाई का जरिया बनाए हुए है, लेकिन जहां चाह है, तो वहां राह भी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बीईई सलमा शाह ने अशोक और उनकी धर्मपत्नी को आयुष्मान योजना के महत्व व विशेषताएं बतलाई।

17 दिनों तक निःशुल्क हुआ इलाज

इसके बाद अशोक इंदौर के एमव्हाय अस्पताल में जांच कराने पहुंचे। डॉक्टरों ने बायपास सर्जरी के लिए पारूल अस्पताल में योजना से उपचार की युक्ति सुझाई। अशोक अपने परिवार के सदस्यों के साथ गुजरात के पारूल अस्पताल पहुंचा। यहां वो 17 दिनों तक भर्ती रहा। यहां अशोक की बायपास सर्जरी हुई। इस सर्जरी में कुल 1 लाख 82 हजार रूपए का बिल बना। चूंकि मेरा आयुष्मान कार्ड बना था, इसलिए पूरा इलाज निःशुल्क हुआ। इस अस्पताल में दोनों समय मरीज के लिए खान-पान निःशुल्क दिया गया। वास्तव में अशोक जैसे सैकड़ों गरीब लोगों के स्वास्थ्य का अगर कोई सहारा है, तो वो भारत सरकार की आयुष्मान योजना है।

जिले में 6 हजार से अधिक नागरिकों ने योजना का लिया लाभ

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आयुष्मान योजना में 5 लाख 37 हजार 581 नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए है। इनमें से 6 हजार 687 नागरिकों को इस योजना का लाभ दिया गया है। शासन की महत्वाकांक्षी आयुष्मान निरामयम् जन आरोग्य योजना के अंतर्गत उपचार करवाने के लिए अस्पताल व अन्य संबंधित जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 14555 एवं 18002332085 नंबर जारी किया है। इन टोल फ्री नंबरों के माध्यम से पात्र नागरिक अस्पतालों की जानकारी ले सकता है। साथ ही वेबसाईट hospitalpmjay.gov.in के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त कर सकता हैं।

103 हितग्राहियों को 10 लाख 30 हजार रूपए की राशि की वितरित

खरगोन। गुरूवार को मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजनांतर्गत एनआईसी कक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां उपस्थित अधिकारियों व हितग्राहियों ने भोपाल से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा दिए गए संबोधन को सुना व देखा। इसके पश्चात जिले के कुल 103 हितग्राहियों को 10 लाख 30 हजार रूपए की राशि वितरित की गई। कार्यक्रम में सांकेतिक रूप से सलीता पति श्री शंकर वर्मा को हाथ ठेला के लिए, आकाश कालूराम को भंगार क्रय-विक्रय व धीरज अशोक श्रीवास्तव को हेयर सेलून के लिए राशि वितरित की गई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री गौरव बेनल, अतिरिक्त सीईओ पुरूषोत्तम पाटीदार, आजीविका मिशन परियोजना प्रबंधक श्रीमती सीमा निगवाल सहित आजीविका मिशन विकासखंड खरगोन के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।

सीएम डेस्क बोर्ड की तर्ज पर होगी जिले में रैंकिंग, कलेक्टर करेंगी समीक्षा

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महेश्वर में आयोजित की राजस्व विभाग की बैठक

खरगोन। कोरोना काल के पश्चात अब धीरे-धीरे जनसामान्य और आधारभूत व्यवस्थाएं सुचारू होने लगी है। इसी दिशा में महेश्वर के घाट और मंदिरों को श्रृद्धालुओं के लिए भी खोला जा चुका है। इस दिशा में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गुरूवार को जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों के साथ महेश्वर के नर्मदा रिट्रीट में बैठक आयोजित की। बैठक में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा ने भू-अभिलेख के एसएलआर पवन वास्केल और ई-गवर्नेंस के प्रबंधक अमित वर्मा को निर्देश दिए कि प्रदेश स्तर पर सीएम डेस्क बोर्ड पर जिस तरह समीक्षा और रैंकिंग दी जाती है, उसी तरह जिले में भी प्रत्येक अनुभाग की रैंकिंग निर्धारित हो और उसी के अनुरूप आगामी बैठक में समीक्षा भी की जाएगी। राजस्व अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में राजस्व के प्रकरणों को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में अपर कलेक्टर एमएल कनेल, सभी अनुभागों के एसडीएम, तहसीलदार व भू-अभिलेख के अधिकारी उपस्थित रहे।

15 मार्च तक पुराने नामांतरण होंगे ऑनलाईन

राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा ने राजस्व से जुड़े सभी बिंदुओं पर समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि नामांतरण के जितने भी पुराने प्रकरण है, उन सभी को 15 मार्च तक ऑनलाईन किया जाएं। साथ ही बंटवारा व सीमांकन के प्रकरणों को लेकर तहसीलदार व पटवारियों को इस पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। साथ ही सीएम किसान के पात्र हितग्राहियों का सत्यापन कर डेटा जल्द तैयार करने के निर्देश भी दिए। वहीं ऐसे अपात्र किसान, जिनकों पीएम किसान का भुगतान हो चुका है, उन किसानों से पीएम राशि वसूलने के लिए तहसीलदार व पटवारियों को भी निर्देशित किया। बैठक में सीएम हेल्पलाईन पर लंबित शिकायतें और समाधान ऑनलाईन से जुड़े बिंदुओं पर भी समीक्षा की गई।

पीसी एंड पीएनडीटी की कार्यशाल संपन्न

खरगोन। सीएमएचओ कार्यालय स्थित प्रशिक्षण केंद्र में गुरूवार को गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के प्रावधानों को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में पीसी एंड पीएनडीटी के अधिनियमों के तहत किए गए प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही कार्यशाला के दौरान ऐसे दंपत्तियों या माताओं को सम्मानित किया गया, जिनकी एक या दो बेटी है और इसके बाद उन्होंने परिवार नियोजन का विकल्प अपनाया है। कार्यशाला को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक श्री रवि जोशी ने कहा कि बेटियां माता-पिता के संस्कारों की वारिस होती है। उन्होंने बेटियों को भी बेटों के तरह ही शिक्षाविद बनाने एवं समाज की हर एक बेटी को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए कहा। आज की बेटियों में कुछ कर गुजरने का जज्बा है। आईएएस गरिमा अग्रवाल ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां शिशु लिंगानुपात की रक्षा के लिए भ्रण लिंग जांच अधिनियम संविधान में सम्मिलित है। महिलाएं सामाजिक, राजनैतिक व पारिवारिक सभी स्तरों पर कामयाब एवं क्रियाशील है। उन्होंने उपस्थित समूह एवं अभिभावकों से बेटे एवं बेटी के लिए समान दृष्टि एवं सोच के लिए आव्हान किया। समस्त चिकित्सा स्टॉफ एवं चिकित्सकों के कार्य की सराहना की। सीएमएचओ डॉ. रजनी डावर ने कहा कि भ्रण लिंग जांच अधिनियम एक्ट की प्रक्रिया, भ्रणलिंग जांच करने वाले एवं करवाने वालो को दंड/कारावास का प्रावधान है, के बारे में बताया गया। कार्यशाला में डॉ. रक्षा मुजाल्दे, भावना जोशी, रेणू राय, शोभा खोड़े, बृजबाला गुप्ता, किर्ती जैन, श्वेतासिंह, किरण तोमर सहित कुल 26 महिलाओं को सम्मानित किया गया। इन्होंने बेटों के जन्म का इंतजार न करते हुए बेटियां होने पर भी परिवार नियोजन को अपनाया है।

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