नाबालिग बालिका का आपहरण करने वाले आरोपीगण को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया

गंजबासौदा। श्रीमान प्रथम अपर सत्र न्यायाधीष (पॉक्सो)े गंजबासौदा द्वारा नाबालिग बालिका का आपहरण करने वाले आरोपीगण को अपने निर्णय दिनांक 08.02.2021 में आरोपी राजू सहरिया को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी/एसपीओ गंजबासौदा श्री दिनेष कुमार असैया के द्वारा बताया गया कि मामला थाना देहात बासौदा का है, दिनांक 27.07.14 को अभियोक्त्री के पिता ने थाना देहात बासौदा आकर इस आषय की रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि वह मजदूरी का काम करता है। उसकी लडकी आयु 13 वर्ष शासकीय प्राथमिक सेटेलाईट शाला बनवा जागीर में कक्षा 05वी में पढ़ती थी। उसकी पत्नि बड़ी लड़की बाजार में थी। वह मजदूरी करने के लिए सुबह 07 बजे गया था। वह शाम को काम से घर आया। थोड़ी देर बाद उसकी पत्नि और बडी लडकी आ गयी और बोले कि अभियोक्त्री आने के बाद छोटे बच्चों के अनुसार बोरी में सामान लेकर, रकम वगैरह व पैसा लेकर बाजार जाने का बोलकर गई वापस नहीं आयी ।तब उसने अभियोक्त्री को तलाष किया, नहीं मिली। पता चला कि उसके लडके के साथ राजू सहरिया आता-जाता था। राजू की  तलाष की, तो वह भी घर से गायब है। उसे शक है कि अभियोक्त्री को राजू सहरिया बहला फुसलाकर भगा ले गया है। तलाष के बाद आज दामाद के साथ थाने में आकर रिपोर्ट कर रहा है। उक्त रिपोर्ट पर से थाना देहात बासौदा में अपराध क्र 147/14 लेखबद्ध की गई थी। घटना के संबध में अभियोक्त्री ने अपने माता पिता को बताया था, तथा प्रकरण विवेचना में लिया गया था। प्रकरण में आरोपीगण के विरोध 363, 366क, 376(2)(ढ) भादवि एवं 5एल/6 तथा 16/17 पॉक्सो अधिनियम का प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। माननीय न्यायालय में विचारण उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध मामला प्रमाणित पाये जाने पर आरोपीगण राजू सहरिया और राजकुमार पंथी  को  धारा 363 भादवि के आरोप में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा व 500/-  500/-रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। धारा 366क भादवि में 05-05 सश्रम कारावास की सजा एवं 1000/- 1000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। आरोपी राजू सहरिया को धारा 376(2)(ढ) भादवि के आरोप में 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा व 5000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण मे पैरवी एडीपीओ दिनेष असैया के द्वारा की गयी।

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