नाबालिग बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास
(10 वर्ष के लिए आरोपी रहेगा सलाखों के पीछे)
विदिशा। द्वितीय अपर सत्र विशेष न्यायाधीष माननीय सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी के न्यायालय ने आरोपी सोनू उर्फ संजय अहिरवार उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम हिरनई थाना कोतवाली जिला विदिशा को भादवि की धारा 376(1) के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए जुर्माना और 366 के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपए जुर्माना से दंडित किया। शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा की गई।
घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 29.10.18 को दोपहर करीब साढ़े 3 बजे पीड़िता की मां (फरियादिया) गैस एजेंसी पर गैस के पैसे पता करने गई थी। घर पर अपनी बेटी (पीड़िता) व उसका बेटा मौजूद थे शाम को 4 बजे जब पीड़िता की मां अपने घर वापस पहुंची तो पीड़िता घर पर नहीं थी। उसने अपने लड़के से पीड़िता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसने पीड़िता को बाहर जाते हुए देखा था, लेकिन कहां गई है उसे पता नहीं है। फरियादी ने पीड़िता को मोहल्ले व रिश्तेदारों के यहां ढूंढा लेकिन जब उसका कोई पता नहीं चला तो पीड़िता की मां ने आरक्षी केन्द्र कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट लेखबद्ध कराई थी। जिस पर से थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपी संजू उर्फ संजय को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र सहित न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय ने विचारण उपरांत आरोपी के विरूद्ध मामला प्रमाणित पाए जाने पर आरेापी को भादवि की धारा 376(1) के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए जुर्माना और 366 के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रूपए जुर्माना से दंडित किया।
प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम ने मामले को संदेह से परे प्रमाणित करते हुए न्यायालय में यह तर्क किया कि अभियुक्त द्वारा अवयस्क पीड़िता को बहला-फुसला कर ले जाने एवं उसके बाद गलत काम किया गया। जिससे अभियुक्त को कड़ा दण्ड दिए जाने का निवेदन किया।
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